अमृतसर।
प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर घटाने के लिए सरकार ने सभी
सरकारी अस्पतालों के डिलीवरी केसों को मुफ्त करने का फैसला किया है। इससे
पहले यह सुविधा केवल गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों तक ही सीमित थी,
लेकिन अब इसका लाभ मध्यम व उच्च वर्ग के लोग भी उठा सकेंगे। प्रिंसिपल
हेल्थ सेक्रेटरी सतीश चंद्रा ने पंजाब हेल्थ सिस्टम कापरेरेशन के चेयरमैन
जसजीत सिंह, मैनेजिंग डायरेक्टर राजी श्रीवास्तव और राज्य के सभी जिलों के
डिघ्टी मेडिकल कमिश्नरों (डीएमसी) के साथ चंडीगढ़ में आयोजित बैठक में यह
निर्णय लिया गया।
इस दौरान नार्मल और सिजेरियन केसों में दवाओं का खर्च उठाने का फैसला भी
किया गया है, वहीं गर्भवती को अस्पताल तक लाने और वापस घर ले जाने के लिए
दो सौ रुपए प्रति केस अलग से देने की बात कही गई है। सेक्रेटरी चंद्रा ने
सभी डीसीएम को निर्देश दिए कि वह इस योजना को एक सप्ताह के भीतर-भीतर अपने
जिलों में लागू करें।
एनआरएचएम के प्रोग्राम जननी सुरक्षा योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने
वाले परिवारों की गर्भवती को वित्तीय सहायता के तौर पर गांव में 700 रुपए,
जबकि शहरों में 600 रुपए दिए जाएंगे। दो महीने के लिए दवाओं की खरीद के लिए
एडवांस में हर सिविल सर्जन के नाम चेक जारी कर दिए गए हैं, जबकि इसके बाद
दवाओं की खरीद खुद राज्य सरकार करेगी। इस बैठक में पंजाब हेल्थ सिस्टम
कापरेरेशन के डायरेक्टर डा. लहंबर सिंह भी मौजूद थे।
प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर घटाने के लिए सरकार ने सभी
सरकारी अस्पतालों के डिलीवरी केसों को मुफ्त करने का फैसला किया है। इससे
पहले यह सुविधा केवल गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों तक ही सीमित थी,
लेकिन अब इसका लाभ मध्यम व उच्च वर्ग के लोग भी उठा सकेंगे। प्रिंसिपल
हेल्थ सेक्रेटरी सतीश चंद्रा ने पंजाब हेल्थ सिस्टम कापरेरेशन के चेयरमैन
जसजीत सिंह, मैनेजिंग डायरेक्टर राजी श्रीवास्तव और राज्य के सभी जिलों के
डिघ्टी मेडिकल कमिश्नरों (डीएमसी) के साथ चंडीगढ़ में आयोजित बैठक में यह
निर्णय लिया गया।
इस दौरान नार्मल और सिजेरियन केसों में दवाओं का खर्च उठाने का फैसला भी
किया गया है, वहीं गर्भवती को अस्पताल तक लाने और वापस घर ले जाने के लिए
दो सौ रुपए प्रति केस अलग से देने की बात कही गई है। सेक्रेटरी चंद्रा ने
सभी डीसीएम को निर्देश दिए कि वह इस योजना को एक सप्ताह के भीतर-भीतर अपने
जिलों में लागू करें।
एनआरएचएम के प्रोग्राम जननी सुरक्षा योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने
वाले परिवारों की गर्भवती को वित्तीय सहायता के तौर पर गांव में 700 रुपए,
जबकि शहरों में 600 रुपए दिए जाएंगे। दो महीने के लिए दवाओं की खरीद के लिए
एडवांस में हर सिविल सर्जन के नाम चेक जारी कर दिए गए हैं, जबकि इसके बाद
दवाओं की खरीद खुद राज्य सरकार करेगी। इस बैठक में पंजाब हेल्थ सिस्टम
कापरेरेशन के डायरेक्टर डा. लहंबर सिंह भी मौजूद थे।