नयी दिल्लीः
ज्यादा कठोर लोकपाल विधेयक बनाने के उद्देश्य से संयुक्त मसौदा समिति की
पहली बैठक से पहले सरकार ने आज कहा कि सदस्यों को खुले दिमाग से आना चाहिए
और ऐसी लकीरें खींचने से परहेज करना चाहिए जिससे बाद में पीछे नहीं हट
सकें.
जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद ने यहां पत्रकारों से कहा,
समिति की बैठक से पहले समिति के साथ जो हो रहा है, वह यह कि सभी कोई अपना
दृष्टिकोण और सलाह पेश कर रहे हैं और लकीरें खींच रहे हैं जिससे वे पीछे
नहीं हटेंगे. मैं समझता हूं कि यह बातचीत के माहौल के लिए अच्छा नहीं है.
हाल ही में गठित 10 सदस्यीय
पैनल में शामिल खुर्शीद वस्तुतः नागरिक समाज के पांच सदस्यों के कठोर रुख
की चर्चा कर रहे थे, जो समिति में हैं. उन्होंने कहा, हमें खुले दिमाग से जाना चाहिए. हर कोई संदर्भ जानता है, हर
कोई बाध्यताएं जानता है. आएं देखें हम इनमें से कितनी बाध्यताओं पर पार पा
सकते हैं और कितना संदर्भ मिल जुल कर समझ पाते हैं. खुर्शीद ने कहा कि
समिति को ऐसी समझ तक यथाशीघ्र पहुंचना चाहिए, जो मसौदा लोकपाल विधेयक के
लोगों को स्वीकार्य हो.
ज्यादा कठोर लोकपाल विधेयक बनाने के उद्देश्य से संयुक्त मसौदा समिति की
पहली बैठक से पहले सरकार ने आज कहा कि सदस्यों को खुले दिमाग से आना चाहिए
और ऐसी लकीरें खींचने से परहेज करना चाहिए जिससे बाद में पीछे नहीं हट
सकें.
जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद ने यहां पत्रकारों से कहा,
समिति की बैठक से पहले समिति के साथ जो हो रहा है, वह यह कि सभी कोई अपना
दृष्टिकोण और सलाह पेश कर रहे हैं और लकीरें खींच रहे हैं जिससे वे पीछे
नहीं हटेंगे. मैं समझता हूं कि यह बातचीत के माहौल के लिए अच्छा नहीं है.
हाल ही में गठित 10 सदस्यीय
पैनल में शामिल खुर्शीद वस्तुतः नागरिक समाज के पांच सदस्यों के कठोर रुख
की चर्चा कर रहे थे, जो समिति में हैं. उन्होंने कहा, हमें खुले दिमाग से जाना चाहिए. हर कोई संदर्भ जानता है, हर
कोई बाध्यताएं जानता है. आएं देखें हम इनमें से कितनी बाध्यताओं पर पार पा
सकते हैं और कितना संदर्भ मिल जुल कर समझ पाते हैं. खुर्शीद ने कहा कि
समिति को ऐसी समझ तक यथाशीघ्र पहुंचना चाहिए, जो मसौदा लोकपाल विधेयक के
लोगों को स्वीकार्य हो.