नयी दिल्लीः
गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि अगर केन्द्रीय मंत्री कपिल
सिब्बल को लगता है कि लोकपाल विधेयक से कोई फ़ायदा नहीं होगा, तो उन्हें
लोकपाल विधेयक समिति से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. लोकपाल विधेयक समिति संबंधी
सिब्बल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं.
अन्ना ने घर वापस जाने से पहले यहां संवाददाताओं से कहा, क्यों वे अपना और हमारा दोनों का वक्त बरबाद कर रहे हैं? उन्हें देश के लिए अन्य काम करने चाहिए. वे समिति में क्यों रहना चाहते हैं? अगर
आपको लगता है कि कुछ नहीं होगा तो आपको संयुक्त समिति में नहीं रहना
चाहिए. उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए और कुछ और काम करना चाहिए.
सिब्बल ने कल एक सार्वजनिक बैठक में कहा था, मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं, अगर एक गरीब बच्चे के पास पढ़ने का साधन नहीं है, तो लोकपाल विधेयक कैसे उसकी सहायता करेगा? अगर एक गरीब बच्चे को स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है तो वह एक राजनेता को पुकारेगा. लोकपाल विधेयक उसकी मदद कैसे करेगा?
अन्ना
की मांग के बारे में पूछने पर सिब्बल ने आज संवाददाताओं से कहा कि वह
हजारे के साथ थे और वह चाहते थे कि विधेयक जल्द से जल्द बने और सभी जगहों
पर भ्रष्टाचार से लड़ने में सक्षम हो. अपने पहले दिए गए बयान पर सफ़ायी देते
हुए उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता था कि विधेयक का उपयोग अलग है. आम
आदमी की परेशानी अलग.
सिब्बल ने कहा, मैंने कहा था, अगर
आप बच्चों को शिक्षित करना चाहते हैं, तो उसका लोकपाल विधेयक से कोई संबंध
नहीं है. अगर पानी की समस्या है तो….. लोकपाल विधेयक का संबंध सिर्फ़
भ्रष्टाचार के साथ है और हम एक अच्छा विधेयक लाएंगे जो भ्रष्टाचार को रोक
देगा. उन्होंने कहा कि वे हजारे के साथ मिलकर एक ऐसा विधेयक लाएंगे ताकि
उसका लक्ष्य पूरा हो सके.
गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि अगर केन्द्रीय मंत्री कपिल
सिब्बल को लगता है कि लोकपाल विधेयक से कोई फ़ायदा नहीं होगा, तो उन्हें
लोकपाल विधेयक समिति से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. लोकपाल विधेयक समिति संबंधी
सिब्बल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं.
अन्ना ने घर वापस जाने से पहले यहां संवाददाताओं से कहा, क्यों वे अपना और हमारा दोनों का वक्त बरबाद कर रहे हैं? उन्हें देश के लिए अन्य काम करने चाहिए. वे समिति में क्यों रहना चाहते हैं? अगर
आपको लगता है कि कुछ नहीं होगा तो आपको संयुक्त समिति में नहीं रहना
चाहिए. उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए और कुछ और काम करना चाहिए.
सिब्बल ने कल एक सार्वजनिक बैठक में कहा था, मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं, अगर एक गरीब बच्चे के पास पढ़ने का साधन नहीं है, तो लोकपाल विधेयक कैसे उसकी सहायता करेगा? अगर एक गरीब बच्चे को स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है तो वह एक राजनेता को पुकारेगा. लोकपाल विधेयक उसकी मदद कैसे करेगा?
अन्ना
की मांग के बारे में पूछने पर सिब्बल ने आज संवाददाताओं से कहा कि वह
हजारे के साथ थे और वह चाहते थे कि विधेयक जल्द से जल्द बने और सभी जगहों
पर भ्रष्टाचार से लड़ने में सक्षम हो. अपने पहले दिए गए बयान पर सफ़ायी देते
हुए उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता था कि विधेयक का उपयोग अलग है. आम
आदमी की परेशानी अलग.
सिब्बल ने कहा, मैंने कहा था, अगर
आप बच्चों को शिक्षित करना चाहते हैं, तो उसका लोकपाल विधेयक से कोई संबंध
नहीं है. अगर पानी की समस्या है तो….. लोकपाल विधेयक का संबंध सिर्फ़
भ्रष्टाचार के साथ है और हम एक अच्छा विधेयक लाएंगे जो भ्रष्टाचार को रोक
देगा. उन्होंने कहा कि वे हजारे के साथ मिलकर एक ऐसा विधेयक लाएंगे ताकि
उसका लक्ष्य पूरा हो सके.