सरकार हिली देश हिला…इंटरनेट पर अन्ना का ‘जलजला’

विश्वकप
में ऐतिहासिक जीत कर देश जिस अंदाज में एकजुट होकर सड़कों पर जश्न मनाने
उतरा था ठीक उसी अंदाज में तीन दिन बाद यानी 5 अप्रैल को देश फिर से एक हुआ
लेकिन इस बार जश्न मनाने नहीं बल्कि भ्रष्टाचार को मिटाने।


जनलोकपाल
बिल को लागू कराने के लिए अन्ना हजारे ने पांच अप्रैल से दिल्ली के
जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन शुरु किया और देशभर में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक
जनआंदोलन खड़ा हो गया। 72 साल के अन्ना के पीछे लाखों युवा देश के
कोने-कोने में धरना प्रदर्शन करने लगे। दिल्ली के जंतर-मंतर को काहिरा का
तहरीर चौक समझा जाने लगा।


जिस तरह मिस्त्र की क्रांति में इंटरनेट
ने अहम भूमिका निभाई थी उसी तरह अन्ना के आंदोलन की आग की भी इंटरनेट पर
भड़क रही है। अन्ना को मिले जनसमर्थन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता
है कि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर इंडिया के लगभग सभी ट्रेंडिग
टॉपिक्स अन्ना के अनशन से ही संबंधित है। इंटरनेट जगत में चाहें फेसबुक हो
या ट्विटर हर जगह युवा पीढ़ी सिर्फ और सिर्फ अन्ना की ही बात कर रही है।


गुरुवार
दोपहर को ट्विटर पर 6 ट्रैंडिग टॉपिक अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार के खिलाफ
लड़ाई से संबंधित थे। ये हैं अन्ना हजारे, ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स, करप्शन,
जंतर-मंतर और लोकपाल। सचिन को भारत रत्न दिए जाने को लेकर बहस भी ट्रैंडिग
टॉपिक्स में है।


यदि ट्विटर के ट्रैंडिंग टॉपिक्स को देश का माहौल
समझा जाए तो यह मनमोहन सरकार के लिए खतरे की घंटी है। इसे एक अच्छा संकेत
ही माना जाएगा की देश की पढ़ी-लिखी हाइटैक पीढ़ी इस वक्त भ्रष्टाचार जैसे
मुद्दे पर बात कर रही है और इसे मिटाने का संकल्प ले रही है।


गुरुवार दोपहर को ट्विटर पर प्रसारित कुछ ट्विट्स इस तरह थे..

1.
जंतर-मंतर पर कुछ विकेट गिरने शुरु हो गए हैं। लेकिन हमारे वीवीएस लक्ष्मण
अन्ना हजारे क्रीज पर मोर्चा संभाले हुए हैं। (यह ट्वीट जंतर-मंतर पर
अन्ना के साथ अनशन में बैठे कुछ लोगों की तबियत बिगड़ने की ओर इशारा करती
है)


2. अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में किसी को यह
कहते सुना कि लोगों को सरकार से नहीं डरना चाहिए बल्कि सरकार को लोगों से
डरना चाहिए। अब यह बात कितनी सच नजर आ रही है। (यह ट्वीट लोगों में सरकार
से मोर्चा लेने के लिए जग रहे विश्वास को दर्शाती है)


3. मेरे ऑफिस
के ज्यादातर लोग अन्ना हजारे का समर्थन करने के लिए जंतर-मंतर गए हैं। मुझे
काम निपटाना है इसलिए नहीं जा सका। उम्मीद करता हूं कि मैं भी पहुंच सकूं।
अन्ना की लड़ाई में मैं उनके साथ हूं। (रवि परदेशी की यह ट्वीट बताती है
कि लोगों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कितना जुनूनहै। लोग काम छोड़कर अन्ना के
समर्थन में जा रहे हैं, अब तो सरकार को सुध लेनी ही चाहिए।)


4. इस
गरीब देश को अन्ना हजारे जैसे नेताओं की जरूरत है जो देश से भ्रष्टाचार को
मिटा सके। (बेहद सरल शब्दों में लिखी गई यह ट्वीट उस सच्चाई की ओर इशारा
करती है जिसे लोकतंत्र लंबे अर्से से नकारता रहा है।)


5. जल्द ही
सरकार आईपीएल के जरिए लोगों का ध्यान अन्ना से हटाकर क्रिकेट की ओर करना
चाहेगी। इस तरह के आयोजन मूल मुद्दों से देश को भटकाने के लिए ही होते हैं।

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