भोपाल.
स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा है कि नि:शुल्क और
अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम को लागू कराने के लिए एक लाख 3 हजार
687 अतिरिक्त शिक्षकों की आवश्यकता का आंकलन प्रदेश सरकार ने किया है।
अकादमिक प्राधिकारी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित
योग्यता होगी। परिषद द्वारा शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता का निर्धारण किया
जा चुका है और उसके अनुसार प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए बनाये गये
नियमों में संशोधन की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया है कि जिला
शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से निजी स्कूलों को अधिनियम की धारा 12 (1)
(सी) के अंतर्गत वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 में या
प्रि. स्कूल कक्षा में यदि स्कूल में प्रि-स्कूल कक्षा संचालित हो,न्यूनतम
25 प्रतिशत सीट आरक्षित रखे जाने के लिए निर्देशित किया गया है।
श्रीमती अर्चना चिटनीस के अनुसार नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का
अधिकार अधिनियम के प्रावधानों को सर्वशिक्षा अभियान के माध्यम से लागू करने
का निर्णय लिया गया है। अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए सर्वशिक्षा अभियान
के अंतर्गत वर्ष 2010-11 के लिए 399439.39 लाख रुपये की वार्षिक कार्ययोजना
स्वीकृत की गई है।
इस कार्ययोजना में शिक्षकों की भर्ती, संकुल स्त्रोत केन्द्रों और विकासखंड
स्त्रोत केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण, स्कूलों के लिए भवन तथा अतिरिक्त कक्षों
के निर्माण, बच्चों को पाठ्य पुस्तकों एवं यूनिफार्म उपलब्ध कराने, नए
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय तथा आवासीय स्कूल खोलने तथा शिक्षकों के
प्रशिक्षण आदि के लिए प्रावधान किया गया है। वर्ष 2011-12 के लिए
सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत वार्षिक कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम को लागू करने
हेतु राज्य में सर्वशिक्षा अभियान मिशन को माध्यम बनाया गया है। इस योजना
अंतर्गत मार्च में 420234.23 लाख रुपये एवं पुन: शिक्षा का अधिकार अधिनियम
सर्वशिक्षा अभियान मिशन के तहत पुनरीक्षित राशि 93945.90 लाख रुपये की
कार्ययोजना के प्रस्ताव को स्वीकृति हेतु केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा
गया था। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अधिनियम की धारा-2 के
अंतर्गत वंचित समूह और कमजोर वर्ग को परिभाषित करने की अधिसूचना जारी की जा
चुकी है।