जयपुर.
बाड़मेर के एक सरपंच ने बीपीएल परिवार से जुड़े व्यक्ति की फर्म से 36 लाख
रुपए की खरीद कर ली। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस बारे में उस व्यक्ति को
जानकारी तक नहीं है, जिसके नाम से खरीद की गई। दो छोटे से झोंपड़ों में
रहने वाला यह बीपीएल व्यक्ति चना खां पुत्र मसू खां खुद भी नरेगा का मजदूर
है।
खरीद में धांधली का यह मामला सामाजिक अंकेक्षण निदेशालय की
विशेष जांच में सामने आया है। विशेष जांच दल ने 24 लाख रुपए से अधिक की
धांधली निकाली है और इनकी वसूली की सिफारिश की है। यह मामला बाड़मेर जिले
की धोरीमन्ना पंचायत समिति की बाणमोर ग्राम पंचायत का है। इस ग्राम पंचायत
में गुलाम शाह सरपंच हैं। उल्लेखनीय है कि इसी सरपंच के समर्थक ने सूचना के
अधिकार के तहत नरेगा के काम और खरीद की सूचना मांगने वाले आरटीआई
कार्यकर्ता मंगलाराम के साथ ग्राम सभा में ही मारपीट कर दी थी।
इस
मारपीट में मंगलाराम के दोनों पांव में फ्रेक्चर हो गया था और हाथ में भी
चोटें आई थी। इतना ही नहीं विशेष जांच दल के सरपंच ने सोशल ऑडिट के बारे
में न तो रिपोर्ट उपलब्ध कराई और न ही वीडियो रिकार्डिग दी। यह ऑडिट 3
मार्च को होनी बताई गई है। गांव के लोगों ने दल के सदस्यों को ऑडिट नहीं
होने की जानकारी दी। जांच दल ने राज्य सरकार को रिपोर्ट देने के साथ
कलेक्टर को भी कार्रवाई के लिए लिख दिया है।
जांच में मिली गड़बड़ियां:
छह ग्रेवल सड़कों के निर्माण में 6,67,781 रुपए का अंतर पाया गया। ग्राम
पंचायत क्षेत्र में बनी इन सड़कों में जांच में मौके पर न तो इतना मेटेरियल
पाया गया और न ही उतनी लंबाई मिली है, जितनी दर्शाई गई है। ग्राम पंचायत
क्षेत्र में 9 टांकों का काम कराया गया। इनमें सीमेंट के बैग कम मिले। बनाए
टांकों का सत्यापन करने पर 12 टांके तो मिले नहीं, जबकि इनकी 5.81 लाख
रुपए की राशि का भुगतान उठा लिया गया।
18 टांकों का काम शुरू
नहीं हुआ, लेकिन 6.38 लाख रुपए उठा लिए गए। इनके मंजूरी की गांव वालों ने
पुष्टि की। 8 टांके मौके पर बने ही नहीं और 2.23 लाख रुपए उठा लिए गए। गांव
वालों के अनुसार उन्हें ऐसे किसी टांकों के मंजूर होने की जानकारी भी नहीं
है। 4 टांकों की क्वालिटी खराब मिली। उनमें फिर से सुधार के लिए निर्देश
दिए गए हैं।
किसने की जांच: सामाजिक अंकेक्षण निदेशालय के
संयुक्त निदेशक एम.एस. भूकर के नेतृत्व में गए दल में जालोर जिला परिषद के
एक्सईएन लालचंद जीनगर, निदेशालय के एएओ महेश गुप्ता, बाड़मेर जिला परिषद
के एईएन मनोज गोयल और हनुमान चौधरी शामिल थे।