दिल्ली के पानी में मिला घातक सुपरबग

नई
दिल्ली. दुनिया में वैज्ञानिकों की चिंता का कारण बना घातक सुपरबग न्यू
डेल्ही मेटालोबीटा लेक्टामेस याने एनडीएम-1 दिल्ली के पानी में मौजूद है।
पानी के माध्यम से यह दिल्ली के नागरिकों के शरीर में घुसपैठ कर रहा है। यह
सुपरबग बीमारियों के कीटाणु को इतना मजबूत कर देता है कि उन पर किसी भी
दवा का असर नहीं होता।

विश्व के कई देशों में एनडीएम की मौजूदगी पाई
गई है। इन देशों ने आरोप लगाया है कि भारत और दूसरे एशियाई देशों में जाने
के कारण उनके नागरिक इस सुपरबग का शिकार हुए हैं। लेकिन किसी भी देश में
पानी में इस सुपरबग की उपस्थिति नहीं मिली।

अब पहली बार भारत,
और वह भी राजधानी के पानी में सुपरबग की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। ब्रिटेन
की कार्डिफ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के मार्क टोलेमन ने लंदन में
कहा कि दिल्ली के निवासी एनडीएम वन बैक्टेरिया के संपर्क में हैं  और यह
सुपरबग कई लोग के पेट में रोजाना जा रहा है। कार्डिफ यूनिवर्सिटी के टिमोथी
वॉल्श ने इस बारे में टोलेमन के साथ शोध किया है। 

एनडीएम-1
किसी भी बीमारी के बैक्टीरिया, वायरस आदि को दवा प्रतिरोधी बना देता है। इस
कारण दुनिया की कोई भी एंटीबायोटिक दवा उस पर असर करना बंद कर देती है.
एनडीएम-1 जीन उन कीटाणुओं तक पहुंच गया है, जो हैजा और पेचिश रोग का कारण
हैं।

शोधकर्ताओं ने सितंबर-अक्टूबर 2010 में गंदे पानी के 171
और सार्वजनिक नल से मिलने वाले पीने के पानी के 50 नमूने जमा किए। ये नमूने
दिल्ली के आस पास 12 किलोमीटर के क्षेत्र से इकट्ठा किए गए। शोध में कहा
गया है कि दिल्ली में कम से कम पांच लाख लोगों के शरीर में एनडीएम-1 की
उपस्थिति है।  

एनडीएम-1 काफी खतरनाक है। यह कैंसर, एचआईवी और
एड्स जैसी बीमारियों के इलाज को बेकार कर सकता है। और तो और सर्जरी के
दौरान होने वाले संक्रमणों को रोकने वाली दवाई का भी असर खत्म कर सकता है।

वॉल्श
और टोलेमन के शोध पर नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा अस्पताल के
मोहम्मद शाहिद ने कहा कि विश्व स्तर पर इसके खिलाफ अभियान जरूरी है।
एनडीएम-1 के दुनिया भर में फैलने की आशंका गलत नहीं है और इसे नजरअंदाज
नहीं किया जाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन की अधिकारी सुजाने जैकब ने
माना हम बहुत ही नाजुक मोड़ पर खड़े हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *