नई दिल्ली।
दिल्ली पुलिस ने बालश्रम कराने वाली सात फैक्टरियों में छापेमारी कर छह को
सील कर दिया और 20 नियोक्ताओं को गिरफ्तार किया। एक गैर सरकारी संगठन ने
गुरुवार को यह जानकारी दी।
छापेमारी में पुलिस को सहयोग देने वाले गैर सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ
आंदोलन’ (बीबीए) के बयान के मुताबिक इन फैक्टरियों में किसी बच्चे को काम
करते हुए तो नहीं पाया गया, लेकिन बालश्रम कराने के ‘सबूत’ पाए गए।
बीबीए के अध्यक्ष आर.एस. चौरसिया ने कहा, "फैक्टरियों में बच्चों के काम
करने के सबूत थे, जैसे कि बच्चों की कमीज और पैंट वहां पाई गईं। सबूतों के
आधार पर अनुमंडलाधिकारी ने फैक्टरियों को सील करने का आदेश दिया। इस
सिलसिले में 20 से अधिक नियोक्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।"
उन्होंने कहा कि छापेमारी दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर की गई।
गैर सरकारी संगठन का कहना है कि बालश्रमिकों की पहचान कर ली गई है तथा उन्हें छुड़ाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
चौरसिया ने कहा, "फैक्टरियों को सील किए जाने से बालश्रम के खिलाफ लोगों
में संदेश भी गया है। इस तरह का अभियान जारी रखा जाना चाहिए, ताकि दिल्ली
को बालश्रम से पूर्णत: मुक्त कराया जा सके।"
दिल्ली पुलिस ने बालश्रम कराने वाली सात फैक्टरियों में छापेमारी कर छह को
सील कर दिया और 20 नियोक्ताओं को गिरफ्तार किया। एक गैर सरकारी संगठन ने
गुरुवार को यह जानकारी दी।
छापेमारी में पुलिस को सहयोग देने वाले गैर सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ
आंदोलन’ (बीबीए) के बयान के मुताबिक इन फैक्टरियों में किसी बच्चे को काम
करते हुए तो नहीं पाया गया, लेकिन बालश्रम कराने के ‘सबूत’ पाए गए।
बीबीए के अध्यक्ष आर.एस. चौरसिया ने कहा, "फैक्टरियों में बच्चों के काम
करने के सबूत थे, जैसे कि बच्चों की कमीज और पैंट वहां पाई गईं। सबूतों के
आधार पर अनुमंडलाधिकारी ने फैक्टरियों को सील करने का आदेश दिया। इस
सिलसिले में 20 से अधिक नियोक्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।"
उन्होंने कहा कि छापेमारी दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर की गई।
गैर सरकारी संगठन का कहना है कि बालश्रमिकों की पहचान कर ली गई है तथा उन्हें छुड़ाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
चौरसिया ने कहा, "फैक्टरियों को सील किए जाने से बालश्रम के खिलाफ लोगों
में संदेश भी गया है। इस तरह का अभियान जारी रखा जाना चाहिए, ताकि दिल्ली
को बालश्रम से पूर्णत: मुक्त कराया जा सके।"