टीचर बनने के लिए देना होगी परीक्षा- अनुराग शर्मा

भोपाल।
अब सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने
वालों को ही शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। ये परीक्षा डीएड, बीएड और एमएड
करने वालों को भी देनी होगी। नौकरी पाने के लिए इस परीक्षा में 60 प्रतिशत
अंक लाना जरूरी है। परीक्षा राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर होगी। शिक्षा का
अधिकार कानून के अंतर्गत देशभर में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए राष्ट्रीय
अध्यापक शिक्षा परिषद यह कदम उठी रही है।




ये व्यवस्था अगले शिक्षा सत्र से लागू होगी। राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा पास
करने वाले को सीबीएसई स्कूलों में जबकि राज्य स्तर की परीक्षा पास करने
वालों को निजी व सरकारी स्कूलों में नौकरी मिल सकेगी। उन्हें नौकरी पद
रिक्त होने पर ही मिलेगी। निजी स्कूलों में चयनित शिक्षकों के चयन पर एक
विशेषज्ञ समिति निगरानी रखेगी। राज्य स्तर की परीक्षा व्यावसायिक परीक्षा
मंडल या कोई स्वतंत्र निकाय जबकि राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा राष्ट्रीय
अध्यापक शिक्षा परिषद आयोजित करेगी।




60 प्रतिशत नंबर जरूरी


राज्य व राष्ट्रीय स्तर का टेस्ट देने वाले उम्मीदवारों को कम से कम 60
प्रतिशत नंबर लाना जरूरी होगा। इसके बाद ही वे नौकरी के हकदार होंगे।
हालांकि एससी-एसटी व ओबीसी उम्मीदवारों के मामले में संबंधित राज्य के
रिजर्वेशन कानून का पालन करना होगा।




इस तरह परीक्षा : टीईटी में ऑब्जेक्टिव टाइप के दो पर्चे होंगे।
कक्षा एक से पांच तक की कक्षाओं को पढ़ाने वालों को केवल एक पर्चा ही देना
होगा। वहीं, मिडिल सेक्शन में पढ़ाने की इच्छा रखने वालों को दोनों पर्चे
देना होंगे। पर दोनों ही पर्चो में नेगेटिव मार्किग नहीं की जाएगी।




यह पूछा जाएगा : परीक्षा के पहले पर्चे में बच्चों के विकास और भाषा
से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। दूसरे पर्चे में भाषा, गणित और पर्यावरण
संबंधी प्रश्न पूछे जाएंगे। दोनों पर्चो में 60-60 प्रश्न होंगे।




50 प्रतिशत नंबर जरूरी


टीईटी में वे लोग ही हिस्सा ले सकेंगे, जिनके हायर सेकंडरी व ग्रेजुएशन में
कम से कम 50 प्रतिशत नंबर हों। साथ ही उनके पास डीएड या बीएड जैसी
व्यावसायिक योग्यता भी जरूरी है।




कमेटी रखेगी ध्यान


जो निजी स्कूल अपने यहां शिक्षकों का चयन करेंगे, उन्होंने टीईटी पास किया
है या नहीं, इस बात का ध्यान राज्य सरकार द्वारा गठित की जाने वाली
स्वतंत्र कमेटी रखेगी। इसी तरह राष्ट्रीय स्तर का टेस्ट लेने और उससे
संबंधित कार्यो पर नियंत्रण के लिए भी केंद्रीय स्तर की समिति बनाई जाएगी।




खास बातें :


– टीईटी की जिम्मेदारी स्वतंत्र कमेटी संभालेगी


– हर वर्ष मीटिंग होगी, जिसमें सालभर के Rियाकलापों पर चर्चा होगी

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– कमेटी में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को मिलेगी विशेष तवज्जो




निजी स्कूलों में अभी क्या स्थिति




योग्यता का पैमाना नहीं




सिफारिश पर मिलती है नौकरी




योग्यता के आधार पर वेतन नहीं




सरकारी स्कूलों में अभी क्या स्थिति




व्यावसायिक परीक्षा मंडल से चयनित को नौकरी




डीएड, बीएड, एमएड अथवा विषय विशेषज्ञता अनिवार्य




विशेषज्ञता के लिए दिया जाता मौका




शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए राष्ट्रीय अध्यापक परिषद ने टीईटी के
आयोजन की रूपरेखा तैयार की है। अब निजी स्कूलों में होने वाली शिक्षकों की
नियुक्ति के लिए भी टीईटी में कम से कम 60 प्रतिशत नंबर लाना जरूरी होगा।


मनोज झालानी, आयुक्त, राज्य शिक्षा केंद्र




तो फिर गुरुजी का क्या होगा


शिक्षक पात्रता परीक्षा का फार्मेट यदि पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाता
है तो वर्तमान में कार्यरत हजारों गुरुजी का क्या होगा, यह नया सवाल खड़ा
हो सकता है। यदि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात की जाएगी तो
शैक्षणिक योग्यता और विशेषज्ञता को लेकर गुरुजी पद पर बने रहेंगे? इस सवाल
का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है?

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