नई दिल्ली। बच्चों के दाखिले के लिए किसी स्कूल ने कैपिटेशन फीस या
डोनेशन [दान] लेने की कोशिश की तो उसकी मान्यता खत्म की जा सकती है।
स्कूलों में व्याप्त इस बुराई को दूर करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा
बोर्ड [सीबीएसई] स्कूलों के संबद्धता के नियमों में संशोधन किया है, जिसके
अनुसार स्कूल में एडमिशन के लिए धन लेने पर मान्यता रद कर दी जाएगी।
संशोधित संबद्धता नियमों के अनुसार, बोर्ड ने स्कूलों से यह सुनिश्चित
करने को कहा है कि दाखिले के नाम पर बच्चों के अभिभावकों से धन की वसूली न
हो। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि स्कूलों में हाल के दिनों में शिक्षा के
नाम पर धन कमाने के बढ़ते चलन को देखते हुए मान्यता के संबंध में कुछ
नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। नए दिशानिर्देशों के तहत सभी
स्कूलों को अपने फीस ढांचे में फेरबदल करने से पहले अभिभावकों के
प्रतिनिधियों से संपर्क करना जरूरी होगा।
इसके अलावा स्कूलों से कहा गया है कि वे सत्र के बीच में फीस न बढ़ाएं।
अगर कोई विद्यार्थी सत्र के बीच में स्कूल छोड़ता है तो उससे उस तिमाही की
फीस नहीं ली जानी चाहिए। नए संबद्धता नियमों के अनुसार स्कूलों को अपने
परिसर के व्यावसायिक इस्तेमाल की भी मंजूरी दी गई है। गौरतलब है कि कुछ समय
पहले मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने व्यावसायिक शिक्षा को
बढ़ावा देने के लिए खाली समय में स्कूल परिसरों के उपयोग का सुझाव दिया था।
बोर्ड ने स्कूलों से कहा है कि उन्हें अपने परिसर में कोई ऐसा
व्यावसायिक केंद्र नहीं खोलना चहिए जिसमें पुस्तक या यूनिफॉर्म बिक्री का
कार्य शामिल हो। इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों की
मान्यता खत्म की जा सकती है।