रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को मुख्य विपक्षी दल काग्रेस
ने अवैध वन कटाई के मामले में राज्य सरकार को घेरा और मंत्री के जवाब से
असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन किया।
विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने महासमुंद जिले में पलास
के घने वन को काटने का मामला उठाया और कहा कि वन मंत्री ने इस क्षेत्र में
लगभग एक किलोमीटर के दायरे में पलास के पेड़ों को काटने की बात स्वीकार की
है और केवल एक वन रक्षक के खिलाफ ही कार्रवाई की गई है।
जोगी ने कहा कि एक किलोमीटर क्षेत्र में लगे पेड़ों को काटना एक दिन में
संभव नहीं है और इसमें वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। इस
मामले में क्षेत्र के वनमंडलाधिकारी और रेंजर के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी
चाहिए। वन मंत्री विक्रम उसेंडी ने कहा कि पलास के पेड़ों की कटाई गाव में
पंचायत द्वारा बगैर अनुमति के की गई है। इस मामले में वन रक्षक को निलंबित
किया गया और पंचायत के लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
मंत्री के जवाब के बाद जोगी ने कहा कि केवल वन रक्षक को निलंबित करने
से कुछ नहीं होगा। बड़े अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। जोगी
ने कहा कि जब से राज्य में भाजपा सरकार आई है राज्य में तीन प्रतिशत वन कम
हो गया है।
इसके बाद काग्रेस के सदस्यों ने कहा कि राज्य में लगातार वनों की अवैध
कटाई हो रही है तथा सरकार केवल छोटे कर्मचारियों पर ही कार्रवाई कर रही है।
मंत्री इस मामले में वन अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की घोषणा करे।
विपक्ष की माग के बाद भी मंत्री ने जब वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ
कार्रवाई करने की घोषणा नहीं की तब विपक्ष के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन
कर दिया।