सावधान! आपकी थाली में सब्जी नहीं ‘जहर’ हैं!- मुकेश कुमार

लखनऊ।
बेमौसम हरी-भरी सब्जियों के देख कर मन प्रसन्न हो जाता है। बैंगनी बैंगन
और हरे मटर को देख जी ललचा उठता है। पर क्या हमने कभी सोचा है कि प्रकृति
के विरुद्ध जाकर हम जो काम करते हैं, उसका साइड इफेक्ट क्या होता है? नहीं
हमारे पास इतनी फुर्सत कहां जो अपने हेल्थ के बारे में सोच सकें। पर नहीं
जनाब इस घटना और जानकारी के जानने के बाद आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।


बुलंदशहर
जिले में एक परिवार ने बड़े चाव से आलू दम की सब्जी बनाई और खाया। उस रात
परिवार के सदस्यों की हालत बिगड़ गई। अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां दो
लोगों की मौत हो गई। डॉक्टरों ने मौत की वजह पता लगाई तो होश उड़ गए।
दोनों लोगों की मौत आलू की सब्जी खाने से हुई थी। इस तरह हमारे किचन में
आने वाली हर सब्जी में जहर होने की संभावना बनी रहती है।


देश में
खेती की जगह कम और जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में ज्यादा पैदावार
बढ़ाने के लिए किसान सब्जियों में केमिकल और कीटनाशक धड़ल्ले से डाल रहे
हैं। इनसे सब्जी में जहर तेजी से घुल रहा है और हमें मीठी मौत दे रहा है।


सब्जी नहीं केमिकल खा रहे हैं हम

सब्जियों
में पाए जाने वाले पेस्टिसाइड और मेटल्स पर अलग-अलग शोध किया गया। शोध के
अनुसार सब्जियों के साथ हम कई प्रकार के पेस्टिसाइड और मेटल खा रहे हैं।
इनमें केडमियम, सीसा, कॉपर और क्रोमियम जैसी खतरनाक धातुएं और एंडोसल्फान,
एचसीएच व एल्ड्रिन जैसे घातक पेस्टीसाइड शामिल हैं।


सब्जियों के
साथ शरीर में जाकर ये स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचाती हैं। सब्जियां तो
हजम हो जाती हैं लेकिन यह जहर शरीर के विभिन्न संवेदनशील अंगों में जमा
होता रहता है। इससे उल्टी-दस्त, किडनी फेल, कैंसर जैसी बीमारियां सामने आती
हैं। पालक, आलू, फूल गोभी, बैंगन, टमाटर आदि में इस तरह का जहर पाया गया
है। शोध के अनुसार खेतों में फसलों पर रासायनिक पेस्टिसाइड का उपयोग
बहुतायत में किया जा रहा है।


इस रासायनिक जहर में एंडोसल्फान जैसे
खतरनाक पेस्टिसाइड का उपयोग आम है। प्रभुदान चारण ने टमाटरों के 28 नमूनों
का निरीक्षण किया, जिनमें से 46.43 प्रतिशत नमूनों में पेस्टिसाइड ज्यादा
पाया गया। भिंडी के 25 में से 32, आलू के 17 में से 23.53, पत्ता गोभी के
39 में से 28, बैंगन के 46 में से 50 प्रतिशत नमूने प्रदूषित पाए गए। फूल
गोभी सर्वाधिक प्रदूषित पाई गई, जिसके 27 में 51.85 प्रतिशत नमूनों में यह
जहर था।


फूलगोभी सबसे ज्यादा है प्रदूषित

खेतों में
फसलों पर रासायनिक पेस्टिसाइड का उपयोग बहुतायत में किया जा रहा है। इस
रासायनिक जहर में एंडोसल्फान जैसे खतरनाक पेस्टिसाइड का उपयोग आमहै।
टमाटरों के 28 नमूनों में से 46.43 प्रतिशत नमूनों में पेस्टिसाइड ज्यादा
पाया गया। भिंडी के 25 में से 32, आलू के 17 में से 23.53, पत्ता गोभी के
39 में से 28, बैंगन के 46 में से 50 प्रतिशत नमूने प्रदूषित पाए गए। फूल
गोभी सर्वाधिक प्रदूषित पाई गई, जिसके 27 में 51.85 प्रतिशत नमूनों में यह
जहर था।


हो सकती हैं ये बीमारियां

सब्जियों के साथ
शरीर में जाकर एंडोसल्फान, एचसीएच व एल्ड्रिन जैसे पेस्टिसाइड वसा उत्तकों
में जम जाते हैं। बायोमैनीफिकेशन प्रक्रिया से शरीर में इनकी मात्रा बढ़ती
रहती है। यह लंग्स, किडनी और कई बार दिल को सीधा नुकसान पहुंचाते हैं। इनकी
अधिक मात्रा जानलेवा बन जाती है। केडमियम धातु लीवर, किडनी में जमा होकर
इन्हें डेमेज करती है। यह धातु प्रोटीन के साथ जुड़कर उसका असर खत्म कर
देता है। इससे कैंसर का खतरा रहता है। इटाई-इटाई नामक बीमारी होने से
हड्डियां मुड़ जाती हैं। इस बीमारी को ब्रिटल बोन भी कहा जाता है। जापान
में सबसे पहले यह तथ्य सामने आया था, जहां इसे इटाई-इटाई नाम दिया गया।


जिंक
से उल्टी-दस्त, घबराहट होना आम है। ज्यादा मात्रा में जमा होने पर लीवर
पैन की शिकायत हो जाती है। ज्यादा मात्रा होने पर इसे जिंकचीली कहा जाता
है। सीसा की मात्रा शरीर में ज्यादा होने पर असहनीय दर्द होता है। किडनी पर
इसका असर सीधा होता है और वह फेल हो सकती है। मानसिक संतुलन भी बिगड़ सकता
है। खून में इसकी मात्रा बढ़ने पर एनिमिया हो जाता है। लीवर को भी यह
प्रभावित करता है। इससे लकवा होने की आशंका भी रहती है। क्रोमियम से
चर्मरोग व श्वास संबंधी बीमारियों के साथ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता
खत्म होने की समस्या रहती है।


कैंसर की भी संभावना 

कैंसर
होने की संभावना भी बनती है। कॉपर से एलर्जी, चर्मरोग, आंखों के कॉर्निया
का प्रभावित होना, उल्टी-दस्त, लीवर डेमेज, हाइपर टेंशन की शिकायत मिलती
है। मात्रा बढ़ने पर व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है। हिमोग्लोबिन के साथ
जुड़कर यह उसे कम कर देता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *