इंदौर, जागरण संवाददाता। मंदसौर में 7 मासूम लड़कियों के बरामद किए
जाने के बाद पुलिस अब पिछले साल में हुई लड़कियों की खरीद-फरोख्त की तहकीकात
में जुटी है। पिछले 3 साल में इन जिस्मफरोशी के अड्डों पर 100 से ज्यादा
लड़कियों को बेचा गया है।
मंदसौर के मल्हारगढ़ पुलिस ने एक साल से 10 साल तक उम्र की सात लड़कियों
को बाछडा समाज के डेरों से बरामद किया था। इन लड़कियों का अपहरण कर इन्हें
इन डेरों पर बेचा गया था। पुलिस ने दो महिलाओं सहित 14 लोगों को गिरफ्तार
कर इस गिरोह का भंडाफोड़ किया। इनसे पूछताछ में पुलिस को कई चौंकाने वाली
जानकारिया हाथ लगी हैं। सूत्रों के मुताबिक पिछले तीन साल में 105 लड़कियों
को इन डेरों पर बेचा गया है। इनमें से ज्यादातर लड़किया गरीब परिवारों से
हैं, जबकि कुछ लड़कियों को घरवालों ने ही बेच दिया है। इंदौर, खरगौन, खंडवा,
बडवानी, झाबुआ के अलावा राजस्थान के चित्तौड़, निम्बाहेड़ा इलाके से भी कई
लड़कियों को लाकर यहा बेचा गया है।
अधिकतर लड़कियों को यहा चित्तौड, निम्बाहेड़ा के आसपास से लाया गया है।
बाछड़ा डेरों में कम उम्र की लड़कियों को खरीदने के बाद बड़े ही एहतियात से
रखा जाता है। लड़की को खरीदने के बाद 5 साल तक उसे कमरे से बाहर नहीं जाने
दिया जाता। ताकि कोई उसे पहचान न सके। मल्हारगढ पुलिस और एंटी ह्यूमन
ट्रेफेकिंग द्वारा लड़कियों को खरीदे जाने की जानकारी जुटाई जा रही है। माना
जा रहा है कि पुलिस इस मसले को लेकर एक बड़ा अभियान चलाने की तैयारी कर रही
है, जिससे पिछले सालों में खरीद-फरोख्त की गई लड़कियों को बरामद कर उनके
घरवालों को सौंपा जा सके।