मंदसौर.
छोटी-छोटी बच्चियां जिन्हें मालूम भी नहीं कि वे जिनकी गोदी में बैठी हैं
वे उनकी मां नहीं है बल्कि चंद पैसों की लालच में उनकी जिंदगी का सौदा करने
वाली खुदगर्ज महिलाएं हैं।
इनमें से कुछ बच्चियां तो इतनी छोटी हैं कि वे मां के दूध के लिए बिलख रही हैं।
मंदसौर
जिले की पुलिस ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सात मासूमों को दलालों
के चंगुल से छुड़ाया। इन दरिंदों ने उन्हें मंदसौर जिले के बांछड़ा डेरे
में बेच दिया था। इनकी उम्र छह माह से लेकर नौ साल तक है।
पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं सहित 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एसपी
डॉ. जी.के.पाठक ने बताया कि काफी समय से पुलिस को बांछड़ा डेरों में
बच्चियों की खरीद-फरोख्त को लेकर सूचना मिल रही थी। इसी के आधार पर यह
कार्रवाई की गई।
ये करते थे अपहरण
दिनेश
बांछड़ा ( मंदसौर) हालमुकाम बड़वाह,लक्ष्मण सोलंकी, राजेश,गणपत रामा वानकर
(चारों खरगोन), संतोष वारेला (बड़वाह), किशोर बांछड़ा (नीमच)।
ये करते थे दलाली
केशिया बांछड़ा (रातीतलाई), राकेश रोड़ा (काल्याखेड़ी, मंदसौर)।और ये हैं खरीदार
विजय बांछड़ा ( मल्हारगढ़), राकेश बांछड़ा (मल्हारगढ़), शंभूलाल बां।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल शुरू
मंदसौर,भोपाल
और जबलपुर में बीते दिनों लड़कियों को बेचने वाले गिरोह पकड़े गए हैं। इस
तरह के मामले रोकने के लिए भोपाल,होशंगाबाद,
इंदौर,जबलपुर,रीवा,ग्वालियर,सागर और मंदसौर में पिछले महीने से इस सेल ने
काम करना शुरू कर दिया है। अरूणा मोहन राव, आईजी, अजाक व महिला सेल
अधिकांश को इंदौर से उठाया
मल्हारगढ़
थाना प्रभारी अनिरुद्ध वाधिया ने बताया सात बच्चियों में से दो ही नाम
बताने की स्थिति में हैं,शेष बहुत छोटी हैं। आरोपियों से मिली जानकारी के
अनुसार उन्होंने अधिकांश को इंदौर से उठाया है। इनमें खरगोन व बड़वाह की भी
कुछ बच्चियां हैं।
अंकल ने कहा था चाकलेट दूंगा- नौ
वर्षीय रुक्मिणी ने कि वह इंदौर में गांधी हॉल के बाहर गुब्बारे बेच रही थी
तभी एक अंकल ने कहा चाकलेट दूंगा, मेरे साथ चल। इसके बाद वे मुझे उठाकर ले
गए। इस बच्ची को आरोपी राकेश ने 40 हजार रुपए में खरीदा था।