सोलन।
किशोरियों के स्वास्थ्य की देखभाल और उन्हें स्वरोजगार के अवसर दिलाने के
लिए प्रदेश में अब राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण योजना (सबला) शुरू होने जा
रही है। प्रयोग के तौर पर पहले प्रदेश के चार जिलों में यह योजना शुरू
होगी। योजना समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग की देखरेख में चलाई जाएगी।
किशोरियों के कल्याण के लिए पहले से चल रही किशोरी शक्ति योजना को बंद कर
दिया गया है। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अगले साल के बजट में भी इस
योजना को शुरू करने का जिक्र किया है।
सबला योजना पहले चरण में प्रदेश के चार जिलों सोलन, कुल्लू, कांगड़ा और
चंबा में शुरू हो रही है। जल्द ही केंद्र सरकार से योजना के लिए सहायता
राशि जारी हो जाएगी। योजना के तहत उन किशोरियों को लाभ होगा जो 11 से 18
साल उम्र की हैं और उन्होंने किसी कारण स्कूल छोड़ दिया है। योजना में
किशोरियों को स्वरोजगार के अवसर दिलाने के लिए सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटीशियन
आदि की तकनीकी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। बाल विकास परियोजना अधिकारी अपने
क्षेत्र में किशोरियों की पहचान के लिए सर्वे करेंगे और उनकी शैक्षणिक
योग्यता के अनुसार तकनीकी शिक्षा के लिए चयन किया जाएगा।
यह प्रशिक्षण किशोरियों को निशुल्क दिया जाएगा। इतना ही नहीं इस उम्र की
किशोरियों के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। स्थानीय आंगनबाड़ी
केंद्रों के माध्यम से उन्हें स्वास्थ्य पोषाहार भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
इसके अलावा गांव-गांव में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित होंगे जिसमें
किशोरियों की स्वास्थ्य जांच और उनका एचबी टेस्ट किया जाएगा।
किशोरियों के स्वास्थ्य की देखभाल और उन्हें स्वरोजगार के अवसर दिलाने के
लिए प्रदेश में अब राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण योजना (सबला) शुरू होने जा
रही है। प्रयोग के तौर पर पहले प्रदेश के चार जिलों में यह योजना शुरू
होगी। योजना समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग की देखरेख में चलाई जाएगी।
किशोरियों के कल्याण के लिए पहले से चल रही किशोरी शक्ति योजना को बंद कर
दिया गया है। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अगले साल के बजट में भी इस
योजना को शुरू करने का जिक्र किया है।
सबला योजना पहले चरण में प्रदेश के चार जिलों सोलन, कुल्लू, कांगड़ा और
चंबा में शुरू हो रही है। जल्द ही केंद्र सरकार से योजना के लिए सहायता
राशि जारी हो जाएगी। योजना के तहत उन किशोरियों को लाभ होगा जो 11 से 18
साल उम्र की हैं और उन्होंने किसी कारण स्कूल छोड़ दिया है। योजना में
किशोरियों को स्वरोजगार के अवसर दिलाने के लिए सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटीशियन
आदि की तकनीकी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। बाल विकास परियोजना अधिकारी अपने
क्षेत्र में किशोरियों की पहचान के लिए सर्वे करेंगे और उनकी शैक्षणिक
योग्यता के अनुसार तकनीकी शिक्षा के लिए चयन किया जाएगा।
यह प्रशिक्षण किशोरियों को निशुल्क दिया जाएगा। इतना ही नहीं इस उम्र की
किशोरियों के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। स्थानीय आंगनबाड़ी
केंद्रों के माध्यम से उन्हें स्वास्थ्य पोषाहार भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
इसके अलावा गांव-गांव में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित होंगे जिसमें
किशोरियों की स्वास्थ्य जांच और उनका एचबी टेस्ट किया जाएगा।