उदयपुर
जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में 2२ दिन में 15 प्रसूताओं की मौत हो चुकी है।
लेकिन, अब तक इन प्रसूताओं की मौत के कारणों का राज बरकरार है। हालांकि,
सोमवार को यहां दौरे पर आए चिकित्सा मंत्री दुरु मियां ने विशेषज्ञ टीम से
जांच करने की घोषणा जरूर की है। इस दौरान वे पत्रकारों के सवालों से बचते
रहे।
यहां एमबी अस्पताल के निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कहा कि प्रसूताओं की मौत
के मामले की जांच विशेषज्ञ टीम करेगी। इसमें टीम में राजस्थान और पडौसी
राज्यों के हेमोटोलॉजिस्ट (रक्त परीक्षण विशेषज्ञ), फिजीशियन (दवा
विशेषज्ञ) तथा गायनिकॉलोजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) होंगे। जो संRमित
दवाओं के साथ साथ अस्पताल की व्यवस्था, चिकित्सकों की उपचार प्रणाली आदि की
रिपोर्ट तैयार करेगी।
यदि इसमें डॉक्टर की लापरवाही उजागर होती है तो उसके खिलाफ कार्यवाही मैं
करूंगा। बनाए जाने वाले विशेषज्ञों के इस पैनल में सेवानिवृत्त विशेषज्ञों
को भी शामिल किया जाएगा। इससे पूर्व उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों के
प्रतिनिधि मंडल से वार्ता की तथा मेडिकल लेक्चरर से भी उनकी मांगों के
संबंध में बैठक ली।
सिर्फ जानकारी दी, जवाब नहीं
विभागाध्यक्षों की बैठक समाप्त करने के बाद जब दुरु मियां बाहर आए तो
उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब देना उचित नहीं समझा। उन्होंने अपनी
बात कही और रवानगी ले ली।
महज 15 मिनट में टटोलीं व्यवस्था
चिकित्सा मंत्री ने महज 15 मिनट में एमबी और जनाना अस्पताल की व्यवस्थाएं
देख लीं। दौरे में उन्होंने मेन ओटी और लेबर रूम का ही जायजा लिया। दौरे के
दोनों ही स्थानों पर सिर्फ प्राचार्य डॉ. सैफी और अधीक्षक डॉ. एफएस मेहता
ही साथ थे। इतना ही नहीं जब उनसे व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी लेनी
चाही तो उन्होंने जवाब नहीं दिया।
कमरा बंद, कर्मचारी तैनात
दौरे के बाद प्राचार्य कार्यालय पहुंचे दुरु मियां ने अधिकारियों के साथ
बंद कमरे में ही मंत्रणा की। देखा जाए तो चिकित्सा मंत्री के दौरे में कहीं
भी मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं होने दिया गया। जब भी हिस्सा लेने का
प्रयास किया जाता, प्राचार्य डॉ. सैफी मंत्री से आज्ञा लेने की बात कह टाल
जाते। प्राचार्य कक्ष के भीतरी रास्ते से ही मंत्री को सभा कक्ष ले जाया
गया। जहां बैठे विभागाध्यक्षों से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर ली गई। इतना
ही नहीं सभा कक्ष पर कुंडी भी लगवाई गई।
अस्पताल के बरामदे में प्रसव
आहोर (जालोर).एक ओर जहां जोधपुर के अस्पताल में प्रसूताओं की मौत के मामले
सामने आ रहे हैं, वहीं क्षेत्र के चांदराई गांव में रविवार रात चिकित्सा
कर्मियों की लापरवाही से एक प्रसूता की जान परबन आई। गांव स्थित प्राथमिक
स्वास्थ्य केंद्र में रात में डच्यूटी पर कर्मचारियों के नहीं होने से
अस्पताल परिसर में ही एक प्रसूता का प्रसव हो गया।
जानकारी के अनुसार रविवार रात करीब पौने तीन बजे मूलेवा निवासी एक महिला
नैनूदेवी पत्नी हड़मानाराम पटेल को प्रसव के लिए परिजन अस्पताल लेकर आए। इस
दौरान अस्पताल में कोई कर्मचारी नहीं मिला। काफी देर तक इंतजार के बाद
महिला ने अस्पताल के बरामदे में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस बीच महिला के
साथ आए लखमाराम चौधरी ने आहोर उपखंड अधिकारी को सूचना दी। वे रात को ही
अस्पताल पहुंचे और जानकारी ली। जब वे अस्पताल पहुंचे तो वहां पर स्वीपर
सफाई करते मिला। मौके पर प्रसूता के साथ आई आशा सहयोगिनी मीरा देवी थी।
इसके अलावा अस्पताल में कार्यरत एएनएम मोहरीदेवी व वार्डबॉय पुखराज मौजूद
मिले। ये दोनों ही प्रसव के बाद अस्पताल पहुंचे थे। एसडीएम ने पूरे मामले
की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यह गंभीर मामला है और इस संबंध में एक
कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही शेष कार्रवाई के लिए चिकित्सा
विभाग को लिखा है।
मिली भारी अनियमितता
उपखंड अधिकारी आशाराम डूडी द्वारा अस्पताल में उपलब्ध आदेश पंजिका व
उपस्थिति रजिस्टर का निरीक्षण किया तो दोनों में २८ फरवरी से तीन कार्मिकों
को रात्रि डच्यूटी पर लगाने का आदेश जारी किया गया था, जिसमें एक मार्च से
११ मार्च तक जीएनएम रामधन मीणा की डच्यूटी के आदेश थे। मगर कार्मिक
अस्पताल से २ मार्च से लगातार नदारद मिला। इसी प्रकार उपस्थिति पंजिका में
जीएनएम जगमोहन मीणा, एमपीडब्ल्यू भंवरलाल मीणा, आशा सुपरवाइजर इंद्र कुमार
शर्मा लगातार दो मार्च से अनुपस्थित पाए गए। वहीं लेब टेक्नीशियन प्रकाश
यादव पांच मार्च से अनुपस्थित पाया गया। जिस पर जीएनएम रामधन मीणा को तुरंत
प्रभाव से निलंबित करने एवं चिकित्सा प्रभारी चांदराई द्वारा प्रशासनिक
नियत्रंण में ढिलाई बरतने पर विभागीय कार्रवाई के लिए कलेक्टर को अवगत
करवाया।
इनका कहना
प्रसूता के साथ आए एक व्यक्ति ने दूरभाष पर प्रसूता का प्रसव अस्पताल के
बरामदे में होने की सूचना दी। जिस पर मैं चांदराई अस्पताल गया। जहां
कार्यरत एक भी कार्मिक नहीं मिला। साथ अस्पताल परिसर में भारी लापरवाही व
अनियमितता मिली है। इस संबंध में एक कार्मिक को निलंबित करने के साथ ही
चिकित्सा प्रभारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए कलेक्टर को अवगत
करवाया है।
– आशाराम डूडी, एसडीएम, आहोर
जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में 2२ दिन में 15 प्रसूताओं की मौत हो चुकी है।
लेकिन, अब तक इन प्रसूताओं की मौत के कारणों का राज बरकरार है। हालांकि,
सोमवार को यहां दौरे पर आए चिकित्सा मंत्री दुरु मियां ने विशेषज्ञ टीम से
जांच करने की घोषणा जरूर की है। इस दौरान वे पत्रकारों के सवालों से बचते
रहे।
यहां एमबी अस्पताल के निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कहा कि प्रसूताओं की मौत
के मामले की जांच विशेषज्ञ टीम करेगी। इसमें टीम में राजस्थान और पडौसी
राज्यों के हेमोटोलॉजिस्ट (रक्त परीक्षण विशेषज्ञ), फिजीशियन (दवा
विशेषज्ञ) तथा गायनिकॉलोजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) होंगे। जो संRमित
दवाओं के साथ साथ अस्पताल की व्यवस्था, चिकित्सकों की उपचार प्रणाली आदि की
रिपोर्ट तैयार करेगी।
यदि इसमें डॉक्टर की लापरवाही उजागर होती है तो उसके खिलाफ कार्यवाही मैं
करूंगा। बनाए जाने वाले विशेषज्ञों के इस पैनल में सेवानिवृत्त विशेषज्ञों
को भी शामिल किया जाएगा। इससे पूर्व उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों के
प्रतिनिधि मंडल से वार्ता की तथा मेडिकल लेक्चरर से भी उनकी मांगों के
संबंध में बैठक ली।
सिर्फ जानकारी दी, जवाब नहीं
विभागाध्यक्षों की बैठक समाप्त करने के बाद जब दुरु मियां बाहर आए तो
उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब देना उचित नहीं समझा। उन्होंने अपनी
बात कही और रवानगी ले ली।
महज 15 मिनट में टटोलीं व्यवस्था
चिकित्सा मंत्री ने महज 15 मिनट में एमबी और जनाना अस्पताल की व्यवस्थाएं
देख लीं। दौरे में उन्होंने मेन ओटी और लेबर रूम का ही जायजा लिया। दौरे के
दोनों ही स्थानों पर सिर्फ प्राचार्य डॉ. सैफी और अधीक्षक डॉ. एफएस मेहता
ही साथ थे। इतना ही नहीं जब उनसे व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी लेनी
चाही तो उन्होंने जवाब नहीं दिया।
कमरा बंद, कर्मचारी तैनात
दौरे के बाद प्राचार्य कार्यालय पहुंचे दुरु मियां ने अधिकारियों के साथ
बंद कमरे में ही मंत्रणा की। देखा जाए तो चिकित्सा मंत्री के दौरे में कहीं
भी मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं होने दिया गया। जब भी हिस्सा लेने का
प्रयास किया जाता, प्राचार्य डॉ. सैफी मंत्री से आज्ञा लेने की बात कह टाल
जाते। प्राचार्य कक्ष के भीतरी रास्ते से ही मंत्री को सभा कक्ष ले जाया
गया। जहां बैठे विभागाध्यक्षों से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर ली गई। इतना
ही नहीं सभा कक्ष पर कुंडी भी लगवाई गई।
अस्पताल के बरामदे में प्रसव
आहोर (जालोर).एक ओर जहां जोधपुर के अस्पताल में प्रसूताओं की मौत के मामले
सामने आ रहे हैं, वहीं क्षेत्र के चांदराई गांव में रविवार रात चिकित्सा
कर्मियों की लापरवाही से एक प्रसूता की जान परबन आई। गांव स्थित प्राथमिक
स्वास्थ्य केंद्र में रात में डच्यूटी पर कर्मचारियों के नहीं होने से
अस्पताल परिसर में ही एक प्रसूता का प्रसव हो गया।
जानकारी के अनुसार रविवार रात करीब पौने तीन बजे मूलेवा निवासी एक महिला
नैनूदेवी पत्नी हड़मानाराम पटेल को प्रसव के लिए परिजन अस्पताल लेकर आए। इस
दौरान अस्पताल में कोई कर्मचारी नहीं मिला। काफी देर तक इंतजार के बाद
महिला ने अस्पताल के बरामदे में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस बीच महिला के
साथ आए लखमाराम चौधरी ने आहोर उपखंड अधिकारी को सूचना दी। वे रात को ही
अस्पताल पहुंचे और जानकारी ली। जब वे अस्पताल पहुंचे तो वहां पर स्वीपर
सफाई करते मिला। मौके पर प्रसूता के साथ आई आशा सहयोगिनी मीरा देवी थी।
इसके अलावा अस्पताल में कार्यरत एएनएम मोहरीदेवी व वार्डबॉय पुखराज मौजूद
मिले। ये दोनों ही प्रसव के बाद अस्पताल पहुंचे थे। एसडीएम ने पूरे मामले
की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यह गंभीर मामला है और इस संबंध में एक
कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही शेष कार्रवाई के लिए चिकित्सा
विभाग को लिखा है।
मिली भारी अनियमितता
उपखंड अधिकारी आशाराम डूडी द्वारा अस्पताल में उपलब्ध आदेश पंजिका व
उपस्थिति रजिस्टर का निरीक्षण किया तो दोनों में २८ फरवरी से तीन कार्मिकों
को रात्रि डच्यूटी पर लगाने का आदेश जारी किया गया था, जिसमें एक मार्च से
११ मार्च तक जीएनएम रामधन मीणा की डच्यूटी के आदेश थे। मगर कार्मिक
अस्पताल से २ मार्च से लगातार नदारद मिला। इसी प्रकार उपस्थिति पंजिका में
जीएनएम जगमोहन मीणा, एमपीडब्ल्यू भंवरलाल मीणा, आशा सुपरवाइजर इंद्र कुमार
शर्मा लगातार दो मार्च से अनुपस्थित पाए गए। वहीं लेब टेक्नीशियन प्रकाश
यादव पांच मार्च से अनुपस्थित पाया गया। जिस पर जीएनएम रामधन मीणा को तुरंत
प्रभाव से निलंबित करने एवं चिकित्सा प्रभारी चांदराई द्वारा प्रशासनिक
नियत्रंण में ढिलाई बरतने पर विभागीय कार्रवाई के लिए कलेक्टर को अवगत
करवाया।
इनका कहना
प्रसूता के साथ आए एक व्यक्ति ने दूरभाष पर प्रसूता का प्रसव अस्पताल के
बरामदे में होने की सूचना दी। जिस पर मैं चांदराई अस्पताल गया। जहां
कार्यरत एक भी कार्मिक नहीं मिला। साथ अस्पताल परिसर में भारी लापरवाही व
अनियमितता मिली है। इस संबंध में एक कार्मिक को निलंबित करने के साथ ही
चिकित्सा प्रभारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए कलेक्टर को अवगत
करवाया है।
– आशाराम डूडी, एसडीएम, आहोर