कृषि उत्पादन से भविष्य में खाद्य जरूरतें अधिक हैं, जिसे हासिल करना
आसान नहीं है। खाद्य सुरक्षा के लिए सरकार, वैज्ञानिक व किसानों को मिलकर
कार्य करना होगा। तभी उत्पादन लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। ये बातें
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री हरीश रावत ने कही। वे भारतीय कृषि अनुसंधान
संस्थान पूसा में तीन दिवसीय कृषि मेला के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
पूसा में कृषि मेला का उद्घाटन करने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार आने
वाले थे। लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं आ सके। मेले का शुभारंभ कृषि राज्य
मंत्री हरीश रावत व अरुण एस यादव ने मिलकर किया। मेला पांच मार्च तक चलेगा,
जिसमें 16 राज्यों के करीब एक लाख किसान शिरकत कर रहे हैं। इस मौके पर
रावत ने कहा कि वर्ष 2025 तक 291 मिलियन टन आनाज की जरूरत होगी। जिसमें 109
मिलियन टन चावल व 91 मिलियन टन गेहूं शामिल है। जलवायु परिवर्तन के कारण
धरती गर्म हो रही है। जमीन कम होने से किसानों की जोत भी घट रही है। ऐसे
में लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारों में
सहयोग जरूरी है।
कृषि राज्यमंत्री अरुण एस यादव ने कहा कि महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए
पेरी अरबन योजना के तहत महानगरों के आसपास सब्जियां उगाने की पहल की गई है।
ताकि शहर के लोगों को कम कीमत पर ताजा सब्जियां मिल सकें। डेयरी को भी
बढ़ावा दिया ज रहा है। इस मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक
डॉ. एस अयप्पन, उपमहानिदेशक (फसल) डॉ. एस दत्ता, पूसा संस्थान के निदेशक
डॉ. एचएस गुप्ता व डॉ. विजय राघवन मौजूद थे।