नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार देश
के ढाचागत क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
[एफडीआई] नीति में और ढील देने पर विचार कर रही है।
यहा आईआईएफ के एक कार्यक्रम के दौरान मुखर्जी ने कहा कि ढाचागत क्षेत्र
के लिए एफडीआई नीति उदार करने के लिए भी बातचीत चल रही है। देश में ढाचागत
क्षेत्र के विकास के महत्व को रेखाकित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि
कारपोरेट बाडों में एफआईआई निवेश सीमा में ढील दी गई है इस और अहम क्षेत्र
के विकास के लिए कुछ कर रियायतों के साथ अधिसूचित ढाचागत ऋण कोष के रूप में
एक विशेष कोष की घोषणा की गई है।
मुखर्जी ने कहा कि इन उपायों से ढाचागत क्षेत्र की ओर संसाधनों का
प्रवाह बढ़ेगा। 12वीं पंचवर्षीय योजना [2012-17] में ढाचागत क्षेत्र को
1,000 अरब डालर के निवेश की जरूरत पड़ेगी।