जींद भले ही प्रदेश के पिछड़े जिलों में शामिल हो। परंतु जिला समाज
कल्याण विभाग ने अपने सभी पेंशन पात्रों के नाम ऑनलाइन कर प्रदेश में बाजी
मार ली है। अब कोई भी व्यक्ति घर बैठे बगैर आरटीआइ का सहारा लिए किसी भी
पेंशन पात्र का रिकार्ड खंगाल सकता है। इस प्रकार से जींद ने अपने करीब एक
लाख 40 हजार पेंशन पात्रों का ऑनलाइन रिकॉर्ड और सूची उपलब्ध करा दी है।
यानी की अब कोई भी व्यक्ति मात्र एक क्लिक कर जिले के सभी पेंशन पात्रों का
रिकार्ड बगैर किसी विशेष कवायद के जांच सकता है। विभाग द्वारा वेबसाइट पर
प्रत्येक गांव और वार्ड का डाटा एल्फाबेटिकलली (अंग्रेजी के अक्षरों के
अनुसार) उपलब्ध कराया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला समाज कल्याण विभाग ने बुढ़ापा,
विधवा, अपंग, लाडली योजना, राष्ट्रीय परिवार योजना, राजीव गांधी बीमा योजना
इत्यादि सहित 12 प्रकार की पेंशन पाने वाले करीब एक लाख 37 हजार 800 पेंशन
पात्रों का रिकार्ड आनलाइन कर विभाग की साइट पर अपडेट कर दिया है। इससे अब
कोई भी व्यक्ति जिला व गांव स्तर पर विभिन्न प्रकार की पेंशन ले रहे
पेंशनपात्रों का रिकार्ड मात्र एक क्लिक से खंगाल सकेगा। जिले में बुढ़ापा
पेंशन 700 रुपये पाने वालों में संख्या करीब 14800, 500 रुपये 74500 है।
इसके अलावा करीब साढ़े 32 विधवा, 70 फीसदी अपंग 4890, 100 फीसदी करीब दो
हजार व राष्ट्रीय परिवार योजना में 300, लाडली में सवा 11 सौ, अपंग
बेरोजगारी भत्ता पाने वालों में 65 पात्र शामिल है। इसके अलावा विभाग अन्य
स्कीमों के तहत भी पात्र लोगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाता है। इन सभी
के बारे में अब बगैर आरटीआइ पर धन व समय बर्बाद किए कोई भी व्यक्ति घर
बैठकर पेंशन पात्रों की जांच विभाग की बेबसाइट पर कर सकता है। विभाग ने
अपने सभी पेंशन पात्रों की सूची भी कम्प्यूटराइज्ड कर दी है। ताकि पेंशन
वितरण से जुड़े लोग सूची के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ न कर सके।
पारदर्शिता के लिए उठाया कदम : अधिकारी
जिला समाज कल्याण अधिकारी ओपी यादव ने कहा कि पेंशन वितरण में
पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। इससे अब कोई भी
व्यक्ति अपने आसपास गलत पेंशन पाने वालों की जांच कर सकेगा तथा इससे इस
बारे में जानकारी चाहने वालों तथा विभाग का समय बचेगा। आनलाइन रिकार्ड होने
से कोई भी व्यक्ति विभाग की बेबसाइट खोलकर अपने घर पर ही किसी भी पेंशन
पात्र व्यक्ति का रिकार्ड जांच सकेगा। साइट पर प्रत्येक गांव के पेंशन
धारकों का रिकार्ड एल्फाबेटिकलली अपडेट किया गया है।