कृषि को लगे यंत्र के पर

-रोटावेटर, पावर टीलर, कंबाइन हार्वेस्टर समेत अन्य कृषि यंत्रों की ओर बढ़ा किसानों का रुझान

अरुण कुमार झा, मुजफ्फरपुर : कृषि के सुनहले दिन आ गए हैं। किसान अब
कृषि यंत्रों व आधुनिकतम तकनीक के सहारे खेती करने लगे हैं। इसके अच्छे
परिणाम भी सामने आए हैं। एक ओर जहां फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है, वहीं
बेहतर क्वालिटी भी उपलब्ध हैं। संकेत बेहतर इसलिए भी हैं कि अब तक बड़े-बड़े
किसानों तक सीमित रहनेवाले कृषि यंत्रों को छोटे-छोटे किसानों ने भी अपनाना
शुरू कर दिया है। सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए
जाने, किसान पाठशाला व कृषक संगोष्ठी को लेकर भी किसानों का इस ओर रुझान
बढ़ा है।

क्या है स्थिति

– जुताई के लिए हैरो कल्टीवेटर की जगह पर रोटावेटर मुख्य पसंद

– पावर टीलर के प्रति भी किसान उन्मुख, लक्ष्य का 60 फीसदी पूरा

– कंबाइन हार्वेस्टर समेत अन्य यंत्रों के लिए कृषि मेला में उमड़ रही भीड़

-कई यंत्रों के लिए जमा रहते हैं अग्रिम आवेदन

-कुछेक यंत्रों पर कुछ और अनुदान की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं किसान

-असर यह कि हंसुआ-खुरपी की बनावट भी बदली

जिला किसान भूषण से सम्मानित व जिले में कृषि यंत्रों के प्रति समर्पण
के लिए जानेवाले बंदरा के किसान सतीश कुमार द्विवेदी कहते हैं कि अब बिना
कृषि यंत्रों के खेती की कल्पना नहीं की जा सकती। अनुदान की विसंगतियों के
कारण कई यंत्र लेने में किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। उधर, जिला कृषि
अधिकारी विजय कुमार कहते हैं कि कृषि यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने की
सरकार की नीतियों का अच्छा प्रभाव पड़ा है। जिले में चालू वित्तीय वर्ष में
विभिन्न योजनाओं के तहत जिले को 5032 कृषि यंत्रों का भौतिक लक्ष्य
प्राप्त हुआ था। कई किसान मेले का आयोजन कर अब तक 3820 यंत्र किसानों के
बीच बांटे जा चुके हैं। शेष के वितरण की प्रक्रिया चल रही है।

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