प्रति व्यक्ति आय के मामले में बिहार सबसे नीचे

राज्य
की प्रति व्यक्ति सालाना आय 17,590 रुपया है। यह राष्ट्रीय औसत का एक
तिहाई है। विगत वित्तीय वर्ष 2009-10 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद
1,68,603 करोड़ रुपया रहा। बुधवार को बिहार विधानमंडल में वित्त मंत्री
सुशील कुमार मोदी ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2010-11 को पेश किया।




रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान कम
हुआ है। उत्पादन और निर्माण के द्वितीयक सेक्टर का योगदान 13 प्रतिशत से
बढ़कर 17 प्रतिशत हो गया। व्यापार-होटल आदि तृतीयक सेक्टर का योगदान 6
प्रतिशत से बढ़कर 11 प्रतिशत हो गया।13.4 लाख किसानों को केसीसी दिया गया।




खाद्यान्न के उत्पादन के मामले में वर्ष 2004-05 के 79.06 लाख टन के
मुकाबले 2008-09 में 122.20 लाख टन, फिर 2009-10 में 105.08 लाख टन हो गया।
निबंधित वाहनों की संख्या के मामले में वर्ष 2005-06 में 80 हजार के
मुकाबले 2009-10 में चार गुणा बढ़ोत्तरी हुई और निबंधित वाहनों की संख्या
3.1 लाख हो गयी।




दूरसंचार के क्षेत्र में 2005-06 से अब तक दस गुणा वृद्धि दर्ज की गयी। यह
संख्या 42 लाख कनेक्शन से बढ़कर 415 लाख हो गयी। वाणिज्यिक बैंकों की
शाखाओं की संख्या के मामले में मामूली वृद्धि हुई और मार्च 2005 के 3648
बैंक शाखाओं की तुलना में मार्च 2010 में शाखाओं की संख्या 4156 हो गयी।




कुल 509 पन्नों की इस आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2010-11 को वित्त विभाग और आद्री ने मिलकर तैयार किया है।

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