जोधपुर।
उम्मेद अस्पताल में प्रसव के बाद रक्तस्राव से प्रसूताओं की मौत के मामले
में भले ही चिकित्सा मंत्री ने सभी को क्लीन चिट दे दी, लेकिन मौतों का
सिलसिला अभी रुका नहीं है। पिछले तीन दिनों में तीन और प्रसूताओं खांडा
फलसा निवासी रुखसाना (20), नाजो (28) व भोपालगढ़ निवासी रेखा (23) ने उपचार
के दौरान दम तोड़ दिया। उन्हें गंभीर हालत में महात्मा गांधी अस्पताल
आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। इसके अलावा दो प्रसूताएं जिंदगी और मौत के
बीच झूल रही हैं। इन्हें यहां ब्लड, एफपीपी चढ़ाया जा रहा है। इधर मेडिकल
कॉलेज के डॉक्टर इस मामले से सकते में हैं। शक सरकारी दवाइयों पर भी है।
इसके चलते मंगलवार को औषधि नियंत्रक कार्यालय के ड्रग इंस्पेक्टर दिनेश
तनेजा ने उम्मेद अस्पताल के स्टोर से डीएस-5 व आरएल ग्लूकोज के नमूने लिए
हैं। इसके चलते मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में दोनांे ग्लूकोज के
उपयोग पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी गई है।
उधर, मामले की समीक्षा के लिए कमेटी गठित किए जाने की जानकारी मिली है। साथ
ही मंगलवार को अस्पताल के लेबर रूम व ऑपरेशन थियेटर के कल्चर के नमूने लिए
गए। उम्मेद अस्पताल में प्रसव के बाद खांडा फलसा निवासी रुखसाना (20),
नाजो (28) व भोपालगढ़ निवासी रेखा (23) को गंभीर हालत में महात्मा गांधी
अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया था। यहां ब्लीडिंग रोकने के लिए ब्लड
व फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा लगाए गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। नाजो
को डायलिसिस की भी परेशानी थी। एमजीएच अधीक्षक डॉ. अरविंद माथुर ने बताया
कि दो प्रसूताओं की मृत्यु की जानकारी उन्हें थी, रेखा के बारे में वे पता
कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल के स्टोर के डीएस-5 व आरएल ग्लूकोज के
बैच नं. की बुधवार को जांच होगी। तब तक इन्हें उपयोग में नहीं लेने के
निर्देश दिए हैं।
एमडीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीसी व्यास ने भी ऐसे निर्देश जारी किए हैं।
दोनों अस्पतालों में बुधवार को ग्लूकोज के बैच नं. जांचे जाएंगे। अगर
उम्मेद अस्पताल स्टोर के ग्लूकोज के बैच नं. से अलग नंबर हुए तो पुन: उपयोग
शुरू कर दिया जाएगा। इधर उम्मेद अस्पताल अधीक्षक डॉ. नरेन्द्र छंगाणी ने
बताया कि ग्लूकोज के नमूने लेने के बाद इसका उपयोग रोक दिया है। मरीजों के
लिए नया ग्लूकोज मंगवाया गया है। उन्होंने बताया कि अस्पताल के आईसीयू में
जगह नहीं होने पर मरीजों को एमजीएच शिफ्ट किया गया है।
उम्मेद अस्पताल में प्रसव के बाद रक्तस्राव से प्रसूताओं की मौत के मामले
में भले ही चिकित्सा मंत्री ने सभी को क्लीन चिट दे दी, लेकिन मौतों का
सिलसिला अभी रुका नहीं है। पिछले तीन दिनों में तीन और प्रसूताओं खांडा
फलसा निवासी रुखसाना (20), नाजो (28) व भोपालगढ़ निवासी रेखा (23) ने उपचार
के दौरान दम तोड़ दिया। उन्हें गंभीर हालत में महात्मा गांधी अस्पताल
आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। इसके अलावा दो प्रसूताएं जिंदगी और मौत के
बीच झूल रही हैं। इन्हें यहां ब्लड, एफपीपी चढ़ाया जा रहा है। इधर मेडिकल
कॉलेज के डॉक्टर इस मामले से सकते में हैं। शक सरकारी दवाइयों पर भी है।
इसके चलते मंगलवार को औषधि नियंत्रक कार्यालय के ड्रग इंस्पेक्टर दिनेश
तनेजा ने उम्मेद अस्पताल के स्टोर से डीएस-5 व आरएल ग्लूकोज के नमूने लिए
हैं। इसके चलते मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में दोनांे ग्लूकोज के
उपयोग पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी गई है।
उधर, मामले की समीक्षा के लिए कमेटी गठित किए जाने की जानकारी मिली है। साथ
ही मंगलवार को अस्पताल के लेबर रूम व ऑपरेशन थियेटर के कल्चर के नमूने लिए
गए। उम्मेद अस्पताल में प्रसव के बाद खांडा फलसा निवासी रुखसाना (20),
नाजो (28) व भोपालगढ़ निवासी रेखा (23) को गंभीर हालत में महात्मा गांधी
अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया था। यहां ब्लीडिंग रोकने के लिए ब्लड
व फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा लगाए गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। नाजो
को डायलिसिस की भी परेशानी थी। एमजीएच अधीक्षक डॉ. अरविंद माथुर ने बताया
कि दो प्रसूताओं की मृत्यु की जानकारी उन्हें थी, रेखा के बारे में वे पता
कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल के स्टोर के डीएस-5 व आरएल ग्लूकोज के
बैच नं. की बुधवार को जांच होगी। तब तक इन्हें उपयोग में नहीं लेने के
निर्देश दिए हैं।
एमडीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीसी व्यास ने भी ऐसे निर्देश जारी किए हैं।
दोनों अस्पतालों में बुधवार को ग्लूकोज के बैच नं. जांचे जाएंगे। अगर
उम्मेद अस्पताल स्टोर के ग्लूकोज के बैच नं. से अलग नंबर हुए तो पुन: उपयोग
शुरू कर दिया जाएगा। इधर उम्मेद अस्पताल अधीक्षक डॉ. नरेन्द्र छंगाणी ने
बताया कि ग्लूकोज के नमूने लेने के बाद इसका उपयोग रोक दिया है। मरीजों के
लिए नया ग्लूकोज मंगवाया गया है। उन्होंने बताया कि अस्पताल के आईसीयू में
जगह नहीं होने पर मरीजों को एमजीएच शिफ्ट किया गया है।