जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा
गौतम बुद्धनगर (नोएडा) भी सिंगूर बनता जा रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे
औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए भू अधिग्रहण के बदले अधिक मुआवजे की मांग
को लेकर किसानों का 35 दिन से जारी आंदोलन सोमवार को हिंसक हो गया। लाठी
डंडो से लैस प्रदर्शनकारियों ने दनकौर क्षेत्र में भट्टागांव के पास गुजर
रहे पीएसी के काफिले को घेर कर पथराव कर दिया। साथ ही सूबेदार को मारपीटकर
बंधक बना लिया और उसकी लाइट मशीन गन (एलएमजी) छीन ली। हमले से गुस्साए
जवानों ने फायरिंग कर दी, जिसमें दो महिलाओं समेत छह लोग घायल हो गए। एक
घायल की हालत नाजुक है। सूचना के बावजूद पुलिस-प्रशासन घटनास्थल पर जाने की
हिम्मत नहीं जुटा सका। चार घंटे बाद मौके पर पहुंचे जदयू अध्यक्ष शरद यादव
ने बंधक सूबेदार को रिहा कराया। साथ ही घायल के इलाज के लिए एक लाख रुपये
दिए। घटना को लेकर किसान में तनाव व्याप्त है।
मुख्यमंत्री मायावती के रविवार नोएडा दौरे पर पीएसी की 32 वीं वाहिनी की
ड्यूटी सदर तहसील के डाढ़ा गांव में लगी थी। सोमवार को जवान वापस मेरठ जा
रहे थे। भट्ठा गांव के पास धरने पर बैठे किसान दिल्ली हावड़ा रेलवे ट्रैक
जाम करने की रणनीति बना रहे थे। करीब साढ़े ग्यारह बजे पीएसी का काफिला
गुजरने पर उन्हें लगा कि शासन ने उन्हें पकड़ने के लिए जवानों को भेजा है।
इस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर एक गाड़ी को रोक लिया। सूबेदार विमल की
एलएमजी छीनने के बाद उसे लाठी डंडों ने पीटा। हमले से गुस्साए जवानों ने
फायरिंग कर दी। किसानों के फायरिंग करने पर जवान मौके से भाग गए। सूचना पर
डीएम-एसपी भारी संख्या में पुलिस, पीएसी और आरपीएफ के जवानों को साथ लेकर
निकले लेकिन घटनास्थल से एक किमी पहले ही रुक गए। पीएसी की तरफ से दनकौर
कोतवाली में किसानों के खिलाफ तहरीर दी गई है। राज्य के विशेष पुलिस
महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) बृजलाल ने लखनऊ में कहा,स्थिति नियंत्रण में
है, घटना की जांच कराई जा रही है। अकारण पथराव साजिशन तो नहीं इसकी भी जांच
की जा रही है।
उधर भाजपा के प्रदेश मंत्री पंकज सिंह ने घायलों से अस्पताल में मुलाकात के
बाद घटना की निंदा करते हुए किसानों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
वहीं, प्रदेशाध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही ने किसानों पर फायरिंग को
दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि बसपा शासन ने पांचवीं बार किसान पुलिस
फायरिंग के शिकार हुए। घायलों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजे की मांग करते
हुए शाही ने कहा, पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिरोही के नेतृत्व में
प्रतिनिधिमंडल पीडि़त किसानों से मिलने जाएगा।
गौतम बुद्धनगर (नोएडा) भी सिंगूर बनता जा रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे
औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए भू अधिग्रहण के बदले अधिक मुआवजे की मांग
को लेकर किसानों का 35 दिन से जारी आंदोलन सोमवार को हिंसक हो गया। लाठी
डंडो से लैस प्रदर्शनकारियों ने दनकौर क्षेत्र में भट्टागांव के पास गुजर
रहे पीएसी के काफिले को घेर कर पथराव कर दिया। साथ ही सूबेदार को मारपीटकर
बंधक बना लिया और उसकी लाइट मशीन गन (एलएमजी) छीन ली। हमले से गुस्साए
जवानों ने फायरिंग कर दी, जिसमें दो महिलाओं समेत छह लोग घायल हो गए। एक
घायल की हालत नाजुक है। सूचना के बावजूद पुलिस-प्रशासन घटनास्थल पर जाने की
हिम्मत नहीं जुटा सका। चार घंटे बाद मौके पर पहुंचे जदयू अध्यक्ष शरद यादव
ने बंधक सूबेदार को रिहा कराया। साथ ही घायल के इलाज के लिए एक लाख रुपये
दिए। घटना को लेकर किसान में तनाव व्याप्त है।
मुख्यमंत्री मायावती के रविवार नोएडा दौरे पर पीएसी की 32 वीं वाहिनी की
ड्यूटी सदर तहसील के डाढ़ा गांव में लगी थी। सोमवार को जवान वापस मेरठ जा
रहे थे। भट्ठा गांव के पास धरने पर बैठे किसान दिल्ली हावड़ा रेलवे ट्रैक
जाम करने की रणनीति बना रहे थे। करीब साढ़े ग्यारह बजे पीएसी का काफिला
गुजरने पर उन्हें लगा कि शासन ने उन्हें पकड़ने के लिए जवानों को भेजा है।
इस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर एक गाड़ी को रोक लिया। सूबेदार विमल की
एलएमजी छीनने के बाद उसे लाठी डंडों ने पीटा। हमले से गुस्साए जवानों ने
फायरिंग कर दी। किसानों के फायरिंग करने पर जवान मौके से भाग गए। सूचना पर
डीएम-एसपी भारी संख्या में पुलिस, पीएसी और आरपीएफ के जवानों को साथ लेकर
निकले लेकिन घटनास्थल से एक किमी पहले ही रुक गए। पीएसी की तरफ से दनकौर
कोतवाली में किसानों के खिलाफ तहरीर दी गई है। राज्य के विशेष पुलिस
महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) बृजलाल ने लखनऊ में कहा,स्थिति नियंत्रण में
है, घटना की जांच कराई जा रही है। अकारण पथराव साजिशन तो नहीं इसकी भी जांच
की जा रही है।
उधर भाजपा के प्रदेश मंत्री पंकज सिंह ने घायलों से अस्पताल में मुलाकात के
बाद घटना की निंदा करते हुए किसानों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
वहीं, प्रदेशाध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही ने किसानों पर फायरिंग को
दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि बसपा शासन ने पांचवीं बार किसान पुलिस
फायरिंग के शिकार हुए। घायलों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजे की मांग करते
हुए शाही ने कहा, पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिरोही के नेतृत्व में
प्रतिनिधिमंडल पीडि़त किसानों से मिलने जाएगा।