बिना परीक्षण बांट दिया उड़द का घटिया बीज

जयपुर.
राज्य बीज निगम ने बिना फील्ड परीक्षण के ही किसानों को उड़द की नई किस्म
का बीज बांट दिया। सामान्य प्रक्रिया के अनुसार किसानों को वही किस्म दी
जानी चाहिए जिसकी पैकेज ऑफ प्रैक्टिस में सिफारिश की गई हो। राजस्थान कृषि
विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय निदेशक (अनुसंधान) डॉ. ओ.पी. गिल का कहना है कि
पैकेज ऑफ प्रैक्टिस में उन्हीं किस्मों को शामिल किया जाता है जिनका कम से
कम दो साल तक फील्ड (खेत) में परीक्षण कर लिया गया हो। यह वैरायटी पैकेज
ऑफ प्रैक्टिस में नहीं है।




जलवायु के हिसाब से उपयुक्त नहीं थी किस्म: राज्य बीज निगम ने जिन जिलों
में उड़द की आईपीयू 94-1 किस्म का बीज बांटा वह उन जिलों की जलवायु के लिए
उपयुक्त नहीं था। कृषि विभाग की पैकेज ऑफ प्रैक्टिस के अनुसार इन जिलों में
टी 9 और कृष्णा किस्में ही उपयुक्त थीं।




विधानसभा में भी गूंजा घटिया बीज: पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी
ने यह मामला उठाते हुए कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत सरकार ने
किसानों को उड़द का घटिया बीज बांट दिया। इससे उनकी फसलें बर्बाद हो गईं।
उन्हें मुआवजा तक नहीं दिया जा रहा है। कृषि विभाग की जांच रिपोर्टो में भी
बीज के घटिया होने की पुष्टि हुई है। सैनी इस मुद्दे पर ज्यादा देर तक
बोलना चाहते थे। भाजपा के सचेतक राजेन्द्र राठौड़ ने भी यह कहकर सैनी का
साथ दिया कि वे महत्वपूर्ण बिंदु उठा रहे हैं। अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह
शेखावत ने उन्हें यह कहकर आगे बोलने की अनुमति नहीं दी कि उनकी सूचना सदन
में आ चुकी है। सैनी ने कहा कि उन्हें 5 मिनट की अनुमति दी जाए। सदन में
शराब और अन्य मुद्दों पर 4 घंटे तक चर्चा हो जाती है, लेकिन किसानों के
मुद्दे पर बोलने नहीं दिया जाता। उल्लेखनीय है कि राज्य में किसानों को
उड़द का घटिया बीज बांटे जाने का मामला शनिवार को दैनिक भास्कर ने उजागर
किया था।




पानी के बिल नहीं भरने वालों को कुर्की नोटिस: लंबे समय से पानी का
बिल जमा नहीं जमा करवाने वाले उपभोक्ताओं पर जलदाय विभाग ने सख्ती कर दी
है। चालू वित्त वर्ष में राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा करने के लिए विभाग ने
बकायादारों की सूची बनवाई है, जिन्हें कुर्की के नोटिस थमाए जा रहे हैं।




जलदाय विभाग ने पब्लिक डिमांड रिकवरी (पीडीआर) के तहत 3000 रुपए से अधिक की
राशि या फिर पांच महीने से बिल जमा नहीं करवाने वाले उपभोक्ताओं को सहायक
अभियंता के जरिये कुर्की नोटिस दे रहा है। शहर में कई उपभोक्ता ऐसे भी हैं,
जो 10-10 महीने का बिल एकसाथ भर रहे हैं। बकाया का बोझ बढ़ने पर विभाग ऐसे
उपभोक्ताओं को चिह्न्ति किया है और राशि जमा कराने के लिए कई बार नोटिस भी
दिए हैं। जो उपभोक्ता नोटिस को नजरअंदाज कर रहे हैं, उनके बकाया बिल के/> साथ कुर्की का नोटिस चस्पा किया जा रहा है। अधीक्षण अभियंता दिनेश शर्मा ने
बताया कि बकाया वसूली के लिए सभी सहायक अभियंताओं को सख्त निर्देश दिए
हैं।




आरपीएमटी 2011 की प्रक्रिया शुरू: राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान
विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) ने राजस्थान प्री-मेडिकल टेस्ट (आरपीएमटी-2011)
की प्रक्रिया शुरू कर दी है। परीक्षा मई माह के अंतिम सप्ताह में होने की
संभावना है। विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति डॉ.राजाबाबू पंवार ने टेस्ट
के लिए जोधपुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर अरविंद माथुर को संयोजक नियुक्त
किया है। जानकारी के अनुसार सिलेबस, परीक्षा की तिथि एवं सुरक्षा के इंतजाम
के लिए जल्द ही बैठक होगी।

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