पानीपत. जिले में अब पशुओं के लिए पीने व नहाने के पानी का संकट नहीं रहेगा। प्रशासन ने 36 तालाबों का कायाकल्प शुरू कर दिया है।
मनरेगा के तहत इन तालाबों की सफाई व खुदाई का काम चालू कर दिया है। तालाबों
की दशा सुधारने के लिए करीब 55 लाख 29 हजार 174 रुपए खर्च किए जाएंगे।
सबसे ज्यादा पानीपत ब्लाक में 12 तालाबों की सफाई व खुदाई का काम होगा।
खतरे में था वजूद
प्रशासन के रिकार्ड के अनुसार जिले में करीब 140 गांवों के तालाबों पर या
तो कब्जे हो चुके हैं या फिर वे गंदगी से अटे पड़े हैं। इन तालाबों में
नालियों का गंदा पानी जमा है। यह पानी पशुओं के पिलाना तो दूर नहलाने लायक
नहीं है। ग्रामीण तालाबों के कब्जे छुड़वाने के लिए कई बार प्रशासन को
शिकायत कर चुके हैं, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया था। अब प्रशासन ने
कुछ तालाबों के स्थिति जरूर सुधारने की कोशिश की है।
इन तालाबों का होगा सुधार
मतलौडा ब्लाक के अटावला, दरियापुर, नारा, उरलाना कलां, ऊंटला, भासली, नैन,
धर्मगढ़, समालखा ब्लाक के महावटी, पावटी,राकसेड़ा,आट्टा,
बिलासपुर,चुलकाना,मच्छरौली,नारायणा और बापौली ब्लाक के अधमी व ताहरपुर
गांव के तालाबों का सुधार होगा। इसी तरह से इसराना ब्लाक के परढ़ाना व सींक
के दो दो, बिजावा, भाऊपुर, डाहर, कैत, पानीपत ब्लाक के बराना, दीवाना,
झट्टीपुर, सिवाह,उग्राखेड़ी, बिंझौल, गढ़ सरनाई, गांजबड़, निंबरी, आसन्न
कलां और भैंसवाल में दो तालाबों की सफाई व खुदाई का काम होगा।
गांवों के पानी की निकासी का जरिया सिर्फ तालाब हैं, इसी वजह से तालाब
गंदगी से अटे पड़े हैं। इन तालाबों की सफाई करवाने की मुहिम शुरू कर दी है।
योजना के अनुसार तालाब को तीन भागों में बांटा जाएगा। पहले तालाब की दस,
दूसरे और तीसरे की छह छह फुट खुदाई करवाई जाएगी। इससे पहले तालाब में गंदगी
जमा होगी। दूसरे तालाब में थोड़ा गंदा पानी जाएगा और तीसरे तालाब में
स्वच्छ पानी होगा। इस पानी को पशुओं व खेती के लिए प्रयोग किया जाएगा।
कर्मवीर शर्मा, एक्सईएन-पंचायती राज।
गांवों में पशुओं के पेयजल की दिक्कत न हो इसलिए मनरेगा के तहत तालाबों की
सफाई व खुदाई शुरू कर दी है। अगले महीने तक दो दर्जन तालाबों की सफाई का
काम हो जाएगा।
अशोक कुमार बिश्नोई, एडीसी, मनरेगा सहायक कार्यक्रम संयोजक
मनरेगा के तहत इन तालाबों की सफाई व खुदाई का काम चालू कर दिया है। तालाबों
की दशा सुधारने के लिए करीब 55 लाख 29 हजार 174 रुपए खर्च किए जाएंगे।
सबसे ज्यादा पानीपत ब्लाक में 12 तालाबों की सफाई व खुदाई का काम होगा।
खतरे में था वजूद
प्रशासन के रिकार्ड के अनुसार जिले में करीब 140 गांवों के तालाबों पर या
तो कब्जे हो चुके हैं या फिर वे गंदगी से अटे पड़े हैं। इन तालाबों में
नालियों का गंदा पानी जमा है। यह पानी पशुओं के पिलाना तो दूर नहलाने लायक
नहीं है। ग्रामीण तालाबों के कब्जे छुड़वाने के लिए कई बार प्रशासन को
शिकायत कर चुके हैं, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया था। अब प्रशासन ने
कुछ तालाबों के स्थिति जरूर सुधारने की कोशिश की है।
इन तालाबों का होगा सुधार
मतलौडा ब्लाक के अटावला, दरियापुर, नारा, उरलाना कलां, ऊंटला, भासली, नैन,
धर्मगढ़, समालखा ब्लाक के महावटी, पावटी,राकसेड़ा,आट्टा,
बिलासपुर,चुलकाना,मच्छरौली,नारायणा और बापौली ब्लाक के अधमी व ताहरपुर
गांव के तालाबों का सुधार होगा। इसी तरह से इसराना ब्लाक के परढ़ाना व सींक
के दो दो, बिजावा, भाऊपुर, डाहर, कैत, पानीपत ब्लाक के बराना, दीवाना,
झट्टीपुर, सिवाह,उग्राखेड़ी, बिंझौल, गढ़ सरनाई, गांजबड़, निंबरी, आसन्न
कलां और भैंसवाल में दो तालाबों की सफाई व खुदाई का काम होगा।
गांवों के पानी की निकासी का जरिया सिर्फ तालाब हैं, इसी वजह से तालाब
गंदगी से अटे पड़े हैं। इन तालाबों की सफाई करवाने की मुहिम शुरू कर दी है।
योजना के अनुसार तालाब को तीन भागों में बांटा जाएगा। पहले तालाब की दस,
दूसरे और तीसरे की छह छह फुट खुदाई करवाई जाएगी। इससे पहले तालाब में गंदगी
जमा होगी। दूसरे तालाब में थोड़ा गंदा पानी जाएगा और तीसरे तालाब में
स्वच्छ पानी होगा। इस पानी को पशुओं व खेती के लिए प्रयोग किया जाएगा।
कर्मवीर शर्मा, एक्सईएन-पंचायती राज।
गांवों में पशुओं के पेयजल की दिक्कत न हो इसलिए मनरेगा के तहत तालाबों की
सफाई व खुदाई शुरू कर दी है। अगले महीने तक दो दर्जन तालाबों की सफाई का
काम हो जाएगा।
अशोक कुमार बिश्नोई, एडीसी, मनरेगा सहायक कार्यक्रम संयोजक