पेंशन न दो, पर मरा न दिखाओ

रोड़ी (सिरसा).
समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों ने एक बुजुर्ग महिला की पेंशन बंद कर
उसे दस्तावेजों में मार दिया। अम्मा अब समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से
लेकर सरपंच तक गुहार लगा रही हैं कि साहब, पेंशन न देना हो न दो। लेकिन
मुझे मारो मत। जिंदा तो रहने दो।




दूसरी तरफ समाज कल्याण विभाग के लोग गांव साहुवाला प्रथम की इस 74 वर्षीय
बुजुर्ग महिला सुरस्ती देवी को कह रहे हैं कि वह अपने जीवित होने का प्रमाण
देने के लिए शपथपत्र दाखिल करे। सुरस्ती देवी के पति सोहन लाल की मृत्यु
करीब एक साल पहले जनवरी में हुई थी। उसके तीन महीने बाद ही मई से सुरस्ती
देवी को वृद्धावस्था पेंशन मिलनी बंद हो गई।




सुरस्ती देवी के अनुसार वह सरपंच के पास पेंशन लेने के लिए गई तो उन्होंने
जवाब दिया कि अम्मा तेरी पेंशन काट दी गई है। इसके बाद वह समाज कल्याण
अधिकारी के कार्यालय में गईं तो उन्हें बताया गया कि एपीआर (एक्चुअल पे
रिसीट)में उसके नाम के आगे मृत लिखा है। जब सुरस्ती देवी ने कहा कि वह
जिंदा है तो वहां के लिपिक ने कहा कि उसे फिर से दोबारा पेंशन शुरू कराने
के लिए शपथ पत्र देना पड़ेगा।




जिस समय एपीआर में सुरस्ती देवी के नाम के आगे मृत दर्ज किया गया, उस समय
मैं सरपंच नहीं था। लेकिन, यह कैसे लिखा गया और किसने लिखा इसकी जांच करा
कर सुरस्ती देवी की पेंशन दोबारा बनवाई जाएगी।




अंग्रेज सिंह, सरपंच




इस सारे मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी और सुरस्ती देवी की फिर से पेंशन दिलाई जाएगी।




सत्यवान ढिलोड़, जिला समाज कल्याण अधिकारी

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