शिमला।
प्रदेश में लोकमित्र केंद्र खोलने को लेकर सामने आई अनियमितताओं में सरकार
ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। संबंधित कंपनियों से सप्ताह के भीतर
जवाब देने को कहा गया है। ऐसा न करने पर दोनों कंपनियों की 3.75 करोड़ की
बैंक गारंटी जब्त की जा सकती है।
प्रदेश में पंचायत स्तर पर लोकमित्र केंद्र खोलने को लेकर दो कंपनियों मै.
जूम डेवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड और मै. जीएनजी ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड
के साथ करार हुआ था। इसके तहत लोकमित्र केंद्र खोले जाने थे, जिसमें बिजली व
पानी के बिल से लेकर अन्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जानी थी। दोनों कंपनियों ने
लोकमित्र केंद्र खोलने के इच्छुक युवाओं से 11 से 17 हजार रुपए वसूले। कुल
मिलाकर 45 करोड़ रुपए युवाओं से वसूले गए। इसके बाद भी लोकमित्र केंद्र
खोलने की दिशा में कंपनियों ने काम आगे नहीं बढ़ाया, तो युवाओं ने
मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से शिकायत की।
उन्होंने विभागीय स्तर पर मामले की पड़ताल करने और आवश्यकता पड़ने पर
आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। इस पर विभाग
में हुई उच्च स्तरीय बैठक में संबंधित कंपनियों से जवाब तलब किया गया है।
युवाओं का पक्ष सुनने के निर्देश
नए सिरे से जारी निर्देश में प्रदेश सरकार ने सभी उपायुक्तों से लोकमित्र
केंद्र खोलने की रिपोर्ट तलब करने के साथ-साथ कंपनियों के पदाधिकारियों से
बैठकें करने को कहा है। लोकमित्र केंद्र खोलने के लिए आगे आए युवाओं का
पक्ष सुनने के भी निर्देश हुए हैं। इसमें जिला स्तर के मामले उपायुक्तों से
सुलझाने को कहा गया है। इस दौरान यदि किसी स्तर पर अनियमितता पाई जाती है,
तो उनको कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित कंपनियों की 3.75 करोड़
रुपए की बैंक गांरटी जब्त हो सकती है। इसके अलावा आपराधिक मामला भी दर्ज हो
सकता है। ऐसा तभी संभव है, जब उपायुक्त स्तर पर की जा रही कार्रवाई में
अनियमितता मिले।
प्रदेश में लोकमित्र केंद्र खोलने को लेकर सामने आई अनियमितताओं में सरकार
ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। संबंधित कंपनियों से सप्ताह के भीतर
जवाब देने को कहा गया है। ऐसा न करने पर दोनों कंपनियों की 3.75 करोड़ की
बैंक गारंटी जब्त की जा सकती है।
प्रदेश में पंचायत स्तर पर लोकमित्र केंद्र खोलने को लेकर दो कंपनियों मै.
जूम डेवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड और मै. जीएनजी ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड
के साथ करार हुआ था। इसके तहत लोकमित्र केंद्र खोले जाने थे, जिसमें बिजली व
पानी के बिल से लेकर अन्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जानी थी। दोनों कंपनियों ने
लोकमित्र केंद्र खोलने के इच्छुक युवाओं से 11 से 17 हजार रुपए वसूले। कुल
मिलाकर 45 करोड़ रुपए युवाओं से वसूले गए। इसके बाद भी लोकमित्र केंद्र
खोलने की दिशा में कंपनियों ने काम आगे नहीं बढ़ाया, तो युवाओं ने
मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से शिकायत की।
उन्होंने विभागीय स्तर पर मामले की पड़ताल करने और आवश्यकता पड़ने पर
आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। इस पर विभाग
में हुई उच्च स्तरीय बैठक में संबंधित कंपनियों से जवाब तलब किया गया है।
युवाओं का पक्ष सुनने के निर्देश
नए सिरे से जारी निर्देश में प्रदेश सरकार ने सभी उपायुक्तों से लोकमित्र
केंद्र खोलने की रिपोर्ट तलब करने के साथ-साथ कंपनियों के पदाधिकारियों से
बैठकें करने को कहा है। लोकमित्र केंद्र खोलने के लिए आगे आए युवाओं का
पक्ष सुनने के भी निर्देश हुए हैं। इसमें जिला स्तर के मामले उपायुक्तों से
सुलझाने को कहा गया है। इस दौरान यदि किसी स्तर पर अनियमितता पाई जाती है,
तो उनको कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित कंपनियों की 3.75 करोड़
रुपए की बैंक गांरटी जब्त हो सकती है। इसके अलावा आपराधिक मामला भी दर्ज हो
सकता है। ऐसा तभी संभव है, जब उपायुक्त स्तर पर की जा रही कार्रवाई में
अनियमितता मिले।