2010-11 के लिए फसल उत्पाद का दूसरा अग्रिम आकलन आज जारी कर दिया गया है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय सीएसओ ने 2010-11 के दौरान 232.07 मिलियन टन खाद्यान्न के उत्पादन का अनुमान लगाया है। पिछले वर्ष 218.11 मिलियन टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था। इस वर्ष का उत्पादन 2008-09 में हुए 234.47 मिलियन टन खाद्यान्न के रिकॉर्ड उत्पादन से थोड़ा ही नीचे रहेगा। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अनुमान लगाया है कि 2010-11 के दौरान कृषि वन विभाग एवं मत्स्य पालन क्षेत्र जीडीपी में 5.4 प्रतिशत का विकास प्रदर्शित करेगा, जबकि पिछले वर्ष इस क्षेत्र की विकास दर सिर्फ 0.4 प्रतिशत थी। बिहार, झारखंड, ओडीशा और पश्चिम बंगाल में व्यापक सूखे और देश के कई हिस्सों में चक्रवात, गैर मौसमी एवं भारी बारिश, और कड़ाके की ठंड एवं पाला पड़ने आदि के कारण फसल में हुए भारी नुकसान के बावजूद ऊंचे स्तर का उत्पादन प्राप्त किया जाए। अभी तक के दूसरे सबसे ज्यादा उत्पादन का प्रमुख श्रेय हमारे किसानों द्वारा दिखाए गए साहस को जाता है। लेकिन राज्यों में हमारे वैज्ञानिकों और विस्तृत मशीनरी के समर्थन के बिना किसानों के प्रयासों को यह सफलता मिल पाना संभव नहीं था। केंद्र सरकार ने अनेक नीतिगत पहलुओं के माध्यम से इन प्रयासों को सहयोग प्रदान किया है। बीजों एवं उर्वरकों समेत कृषि संबंधी सामग्रियों की पर्याप्त एवं समयबद्ध आपूर्ति को सुनिश्चित किया गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, त्वरित दाल उत्पादन कार्यक्रम समेत कई योजनाओं के तहत सुविचारित कदमों ने किसानों को बम्पर फसल उत्पादन प्राप्त करने में मदद की है।
2010-11 के लिए प्रमुख फसलों के लिए उत्पादन का आकलन इस प्रकार है-
खाद्यान्न – 232.7 मिलियन टन
चावल – 94.01 मिललियन टन
गेहूं – 81.47 मिलियन टन
मोटा अनाज – 40.08 मिलियन टन
मोटा अनाज – 40.08 मिलियन टन
जौ – 20.03 मिलियन टन
दाल – 16.51 मिलियन टन
तिलहन – 27.85 मिलियन टन
कपास – 33.93 मिलियन गठ्ठे (प्रत्येक 170 किलोग्राम का)