हिमाचल में नई बाल समेकित योजना अगले साल से होगी शुरू

शिमला।
प्रदेश सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ नई समेकित बाल
संरक्षण योजना कार्यान्वित करने के लिए एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग)
साइन कर दिया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सचिव ने हाल ही
में दिल्ली जाकर इस पर साइन किए। सभी राज्यों के लिए प्रस्तावित यह योजना
अब तक 18 राज्यों में आरंभ हो चुकी है। जबकि प्रदेश इसकी औपचारिकताओं को
पूरा करने में लगा हुआ था। 2012 से आरंभ होने वाली इस योजना के लिए प्रथम
वर्ष में राज्य सरकार द्वारा लगभग 1307.12 लाख रुपए और दूसरे वर्ष 1105.25
लाख रुपए खर्च किए जाने प्रस्तावित हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य किशोर
न्याय बालकों की देखरेख संरक्षण अधिनियम के तहत राज्य सरकार द्वारा जिला
स्तर पर ऐसे बच्चों के लिए बाल संरक्षण इकाइयां स्थापित करना है जिन्हें
देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता है।




इन बच्चों के लिए गृहों की स्थापना की जाएगी तथा विभिन्न सरकारी और गैर
सरकारी संस्थाओं से समन्वय करके उन्हें पुनर्वासित करने का कार्य भी किया
जाएगा। समेकित बाल संरक्षण योजना को राज्य बाल संरक्षण सोसाइटी द्वारा
चलाया जाएगा, जिसके अध्यक्ष सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
होंगे। विभाग के निदेशक आयुक्त बाल संरक्षक का कार्य करेंगे, जिनके अधीन
राज्य स्तर पर योजना के संचालन के लिए स्टेट प्रोजेक्ट स्पोर्ट यूनिट तथा
स्टेट अडॉघ्शन एजेंसी का गठन किया जाएगा। इसी तरह प्रत्येक जिला स्तर पर
बाल संरक्षण सोसाइटी गठित होगी, जो इस योजना को लागू करेगी। ये सोसायटी
जिला में उपायुक्त की देखरेख में कार्य करेंगी। वैधानिक सेवाओं के तहत
किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समितियां, विशेष किशोर पुलिस इकाई तथा विशेष
दत्तक ग्रहण अधिकरण स्थापित किए जाएंगे।




ब्लॉक तथा ग्राम स्तर पर भी बाल संरक्षण समितियां गठित की जाएंगी, जिसकी अध्यक्षता ब्लॉक समिति के अध्यक्ष प्रधान पंचायत होंगे।




जिला स्तर पर शुरू होंगी संस्थागत सेवाएं


नई बाल समेकित योजना के तहत जिला स्तर पर गैर संस्थागत सेवाएं शुरू की
जाएंगी। इसके तहत चाइल्ड लाइन, चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम और फोस्टर केयर
स्थापित किए जाएंगे। जबकि संस्थागत सेवाओं के अंतर्गत संप्रेषण गृह, विशेष
गृह, बाल गृह और आश्रम गृह स्थापित होंगे।

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