खरसावां।
खरसावां गम्हरिया ब्लॉक के 23 गांव के लोगों ने मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा
की चिंता बढ़ा दी है। ग्रामीणों ने टोंटोपोसी में प्रस्तावित टाटा के ग्रीन
प्रोजेक्ट को एक सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि इसके लिए 12
हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिससे वे विस्थापित हो जाएंगे।
उन्होंने सरकार से प्रोजेक्ट के लिए टाटा के साथ हुए समझौते को तत्काल रद्द
करने की मांग की है। विरोध को देखते हुए मुंडा ने शनिवार को बेगनाडीह में
सभा कर कहा कि ग्रामीणों की इच्छा के विरुद्ध यहां प्रोजेक्ट नहीं लगेगा।
क्या है मामला
पांच वर्ष पहले अजरुन मुंडा के मुख्यमंत्रित्वकाल में टाटा ने टोंटोपोसी
में ग्रीन प्रोजेक्ट लगाने का फैसला किया था। ग्रामीणों का कहना है कि इसके
लिए कंपनी ने झारखंड सरकार के फंड में 10 करोड़ रुपए जमा कराए थे।
प्रोजेक्ट से 23 गांव प्रभावित हो रहे हैं, जिसमें चार पंचायतें भी शामिल
है।
आगे बढ़ी प्रक्रिया
ग्रामीणों के भूमि रक्षा ग्रामीण एकता मंच के संयोजक सुरेंद्र सुंडी,
अध्यक्ष मंसाराम महतो और सचिव कारू हेंब्रम का कहना है कि प्लांट की
प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी है। मुंडा की सफाई चुनावी स्टंट है। इसके
विरोध में मंच ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री से लेकर उपायुक्त तक को ज्ञापन
सौंपा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
विरोध में लगे नारे
सीएम जब चुनावी सभा में शिरकत करने बेगनाडीह गांव जा रहे थे, तब हिंदीबिली
मैदान के पास सुरेंद्र सुंडी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने उनके खिलाफ
नारेबाजी की। ग्रामीणों ने ‘जान देंगे जमीन नहीं देंगे’, ‘हमें उद्योग
नहीं, सिंचाई चाहिए’ और लोहा नहीं, अनाज चाहिए’ जैसे नारे दिए हैं।