लखनऊ,उत्तर
प्रदेश की राजधानी में मोबाइल फोन की प्री-पेड बाउचर सेवा की तरह प्री-पेड
कार्ड के जरिए हरी-ताजी सब्जियां खरीदने की सेवा जल्द ही शुरू होने वाली
है। इसका बीड़ा उठाया है कि अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान
(आईआईएम) के पूर्व छात्र कौशलेंद्र ने, जिनकी फाइबर ठेले पर ताजा सब्जी
बेचने की परियोजना बिहार में बेहद लोकप्रिय हो चुकी है।
कौशलेंद्र ने पटना की तरह लखनऊ वासियों के लिए गुरुवार को यहां इस नई
परियोजना औरवम मार्केटिंग की शुरुआत की, जिसके तहत फाइबर के वातानुकूलित
ठेलों से समृद्धि ब्रांड की ताजा सब्जियां खरीदने की सुविधा अब यहां के
लोगों को मिलेगी। बिहार के नालंदा निवासी 30 वर्षीय कौशलेंद्र ने यह
परियोजना उत्तर प्रदेश मंडी परिषद की सहभागिता से शुरू की।
कौशलेंद्र ने कहा, "प्री-पेड कार्ड के जरिए ताजा सब्जियों की बिक्री की यह
सुविधा शुरू करने में अभी कम से कम एक महीना लगेगा। हम इस सेवा की शुरुआत
लखनऊ से करेंगे।"
उन्होंने कहा, "शुरुआत में हम पांच सौ और एक हजार रुपये मूल्य वर्ग के
प्री-पेड कार्ड जारी करेंगे। ये प्री-पेड कार्ड हमारे वेंडरों के पास
उपलब्ध होंगे। इच्छुक लोग ये कार्ड वेंडर से ले सकेंगे या अगर वे हमारे
कार्यालय में संपर्क करेंगे तो कार्ड उनके घर तक पहुंचा दिया जाएगा।"
वह कहते हैं कि प्री-पेड कार्ड से खरीददारी करके उपभोक्ता न सिर्फ
भीड़-भाड़ में जाने से बचेंगे, बल्कि अपने दरवाजे पर ही उनको हरी सब्जियां
मिल जाएंगी। साथ ही वे ऑफर का लाभ भी ले सकेंगे, जो उनको सामान्य सब्जी
विक्रेताओं से नहीं मिलते।
कौशलेंद्र के मुताबिक प्री-पेड कार्ड पर महत्वपूर्ण ऑफर लागू करने की योजना
है। उपभोक्ता जितने पैसे का कार्ड खरीदेंगे, उन्हें उससे पचास से सौ रुपये
ज्यादा की सब्जियां खरीदने का लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा "हमारी यह परियोजना सब्जी खरीदने की प्रक्रिया को बेहद आसान
बना देगी। इसलिए हम यह निश्चित तौर पर बहुत लोकप्रिय होगी। मुझे लगता है कि
गृहणियां इस परियोजना को काफी पसंद करेंगी।"
कौशलेंद्र ने बताया कि अन्य प्री-पेड कार्ड की तरह औरवम द्वारा शुरू किए जाने वाले प्री-पेड कार्ड की भी एक निश्चित वैधता होगी।
कौशलेंद्र कहते हैं कि यद्यपि हम ताजा सब्जियां और फल बेचने के लिए कटिबद्ध
है, लेकिन हम व्यापारिक पहलू को नजरअंदाज नहीं कर सकते। आप जानते हैं कि
इस परियोजना में कई वेंडर, किसान और विभिन्न पेशेवर शामिल हैं। ऐसे में
प्री-पेड कार्ड एक निश्चित समय तक ही वैध रहेंगे।
औरवम ने फिलहाल लखनऊ शहर में 15 वातानुकूलित ठेले चलाने की योजना बनाई है,
जिनसे शहर के विभिन्न हिस्सों में पैकेटबंद साफ-सुथरे और ताजे फल खरीदेजा
सकते हैं। इन ठेले के जरिए बेची जाने वाली सब्जियां सीधे लखनऊ और आस-पास के
जिलों के किसानों से खरीदी जाती हैं।
कौशलेंद्र बताते हैं, "फिलहाल लखनऊ और आस-पास के सात जिलों के पांच सौ
किसानों को हमने अपने साथ जोड़ा है। हम उनकी सब्जियों को खेत से सीधे
खरीदकर अपने संग्रह केंद्रों में एकत्र करेंगे।"
राज्य मंडी परिषद के अपर निदेशक (प्रशासन) निखिल चंद्र शुक्ला कहते हैं कि
औरवम की इस परियोजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसान अपने उत्पाद की
सीधे बिक्री कर सकेंगे। इसमें बिचौलियों की मुनाफाखोरी की कोई गुंजाइश नहीं
है। एक तरफ किसानों को जहां उनके उत्पाद के बेहतर दाम मिलेगा, वहीं दूसरी
तरफ उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता की सब्जियां मिलेंगी।
शुक्ला के मुताबिक औरवम में मंडी परिषद की सीमित भागीदारी है। परिषद ने
लखनऊ के गोमतीनगर में संग्रह केंद्र स्थापित करने के लिए मुफ्त जगह आवंटित
की है। जल्द ही यह परियोजना प्रदेश के अन्य शहरों में शुरू की जाएगी।
प्रदेश की राजधानी में मोबाइल फोन की प्री-पेड बाउचर सेवा की तरह प्री-पेड
कार्ड के जरिए हरी-ताजी सब्जियां खरीदने की सेवा जल्द ही शुरू होने वाली
है। इसका बीड़ा उठाया है कि अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान
(आईआईएम) के पूर्व छात्र कौशलेंद्र ने, जिनकी फाइबर ठेले पर ताजा सब्जी
बेचने की परियोजना बिहार में बेहद लोकप्रिय हो चुकी है।
कौशलेंद्र ने पटना की तरह लखनऊ वासियों के लिए गुरुवार को यहां इस नई
परियोजना औरवम मार्केटिंग की शुरुआत की, जिसके तहत फाइबर के वातानुकूलित
ठेलों से समृद्धि ब्रांड की ताजा सब्जियां खरीदने की सुविधा अब यहां के
लोगों को मिलेगी। बिहार के नालंदा निवासी 30 वर्षीय कौशलेंद्र ने यह
परियोजना उत्तर प्रदेश मंडी परिषद की सहभागिता से शुरू की।
कौशलेंद्र ने कहा, "प्री-पेड कार्ड के जरिए ताजा सब्जियों की बिक्री की यह
सुविधा शुरू करने में अभी कम से कम एक महीना लगेगा। हम इस सेवा की शुरुआत
लखनऊ से करेंगे।"
उन्होंने कहा, "शुरुआत में हम पांच सौ और एक हजार रुपये मूल्य वर्ग के
प्री-पेड कार्ड जारी करेंगे। ये प्री-पेड कार्ड हमारे वेंडरों के पास
उपलब्ध होंगे। इच्छुक लोग ये कार्ड वेंडर से ले सकेंगे या अगर वे हमारे
कार्यालय में संपर्क करेंगे तो कार्ड उनके घर तक पहुंचा दिया जाएगा।"
वह कहते हैं कि प्री-पेड कार्ड से खरीददारी करके उपभोक्ता न सिर्फ
भीड़-भाड़ में जाने से बचेंगे, बल्कि अपने दरवाजे पर ही उनको हरी सब्जियां
मिल जाएंगी। साथ ही वे ऑफर का लाभ भी ले सकेंगे, जो उनको सामान्य सब्जी
विक्रेताओं से नहीं मिलते।
कौशलेंद्र के मुताबिक प्री-पेड कार्ड पर महत्वपूर्ण ऑफर लागू करने की योजना
है। उपभोक्ता जितने पैसे का कार्ड खरीदेंगे, उन्हें उससे पचास से सौ रुपये
ज्यादा की सब्जियां खरीदने का लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा "हमारी यह परियोजना सब्जी खरीदने की प्रक्रिया को बेहद आसान
बना देगी। इसलिए हम यह निश्चित तौर पर बहुत लोकप्रिय होगी। मुझे लगता है कि
गृहणियां इस परियोजना को काफी पसंद करेंगी।"
कौशलेंद्र ने बताया कि अन्य प्री-पेड कार्ड की तरह औरवम द्वारा शुरू किए जाने वाले प्री-पेड कार्ड की भी एक निश्चित वैधता होगी।
कौशलेंद्र कहते हैं कि यद्यपि हम ताजा सब्जियां और फल बेचने के लिए कटिबद्ध
है, लेकिन हम व्यापारिक पहलू को नजरअंदाज नहीं कर सकते। आप जानते हैं कि
इस परियोजना में कई वेंडर, किसान और विभिन्न पेशेवर शामिल हैं। ऐसे में
प्री-पेड कार्ड एक निश्चित समय तक ही वैध रहेंगे।
औरवम ने फिलहाल लखनऊ शहर में 15 वातानुकूलित ठेले चलाने की योजना बनाई है,
जिनसे शहर के विभिन्न हिस्सों में पैकेटबंद साफ-सुथरे और ताजे फल खरीदेजा
सकते हैं। इन ठेले के जरिए बेची जाने वाली सब्जियां सीधे लखनऊ और आस-पास के
जिलों के किसानों से खरीदी जाती हैं।
कौशलेंद्र बताते हैं, "फिलहाल लखनऊ और आस-पास के सात जिलों के पांच सौ
किसानों को हमने अपने साथ जोड़ा है। हम उनकी सब्जियों को खेत से सीधे
खरीदकर अपने संग्रह केंद्रों में एकत्र करेंगे।"
राज्य मंडी परिषद के अपर निदेशक (प्रशासन) निखिल चंद्र शुक्ला कहते हैं कि
औरवम की इस परियोजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसान अपने उत्पाद की
सीधे बिक्री कर सकेंगे। इसमें बिचौलियों की मुनाफाखोरी की कोई गुंजाइश नहीं
है। एक तरफ किसानों को जहां उनके उत्पाद के बेहतर दाम मिलेगा, वहीं दूसरी
तरफ उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता की सब्जियां मिलेंगी।
शुक्ला के मुताबिक औरवम में मंडी परिषद की सीमित भागीदारी है। परिषद ने
लखनऊ के गोमतीनगर में संग्रह केंद्र स्थापित करने के लिए मुफ्त जगह आवंटित
की है। जल्द ही यह परियोजना प्रदेश के अन्य शहरों में शुरू की जाएगी।