बरवाला. सौथा
गांव के सरकारी स्कूल में छूआछूत का एक चिंताजनक मामला सामने आया है। गांव
के राजकीय मिडिल स्कूल में तीन महीने से एक दलित महिला को बतौर कुक ज्वाइन
नहीं करने दिया जा रहा।
महिला का आरोप है कि मीड डे मील इंचार्ज बार-बार यह कहकर नियुक्ति पत्र
नहीं दे रहा कि गांव का कोई बच्चा उसके हाथ से बना खाना नहीं खाएगा। उधर,
इस व्यवहार से नाराज गांव दलित परिवारों ने भी विरोध शुरू कर दिया है।
उन्होंने एक सप्ताह बाद अपने बच्चों को स्कूल न भेजने की घोषणा कर दी है।
करीब चार महीने पहले सीता देवी ने गांव के राजकीय मिडल स्कूल में मिड डे
मील के लिए कुक के पद पर आवेदन किया था। सभी पैमानों पर सही उतरने के बाद
उसका चयन कर लिया गया। शिक्षा विभाग की ओर से तीन महीने पहले लिस्ट में
अपना नाम देख्रकर वो ज्वाइन करने स्कूल पहुंची, लेकिन आरोप है कि मिड डे
मील इंचार्ज सतबीर सिंह शास्त्री ने उसे यह कहकर वापस कर दिया कि वह जिस
जाति से संबंध रखती है, उस जाति की किसी महिला के हाथ का बना खाना कोई नहीं
खाएगा।
सीता देवी इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के सीनियर अफसरों के पास पहुंची।
इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी सुनीता चुघ ने एक महीने पहले स्कूल के मुखिया
को पत्र लिखकर सीता को नियुक्ति देने के निर्देश जारी कर दिए। इसके बावजूद
उसे नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। सीता का कहना है कि वो इस बारे में
शिक्षा विभाग के ज्यादातर अफसरों से शिकायत कर चुकी है। मगर उसे अपनी जाति
की वजह से ज्वाइन नहीं करने दिया जा रहा।
सीता देवी के पति छंगे लाल ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ का प्रधान हैं।
उन्होंने यह मामला अपने संगठन और समुदाय के बीच उठाया तो गांव के दलित
परिवारों ने इस व्यवहार का विरोध शुरू कर दिया। बुधवार को इन परिवारों ने
एक सप्ताह के इंतजार के बाद अपने बच्चों को स्कूल न भेजने का एलान कर
दिया।
मुझे स्कूल के मिड डे मील इंचार्ज ने यह कहकर वापस भेज दिया कि मेरे हाथ का बना खाना कोई बच्चा नहीं खाएगा।
सीतादेवी
स्कूल में नहीं आया नियुक्ति पत्र
जाति के आधार पर सीता देवी को काम पर न रखे जाने की बात गलत है। अभी उसका नियुक्ति पत्र स्कूल में नहीं आया है।
सतबीर सिंह शास्त्री, मिड डे मील इंचार्ज
की जाएगी पूछता
style="text-align: justify">
स्कूल को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि महिला को काम पर रखा जाए। पत्र
स्कूल में पहुंच भी चुका है, लेकिन अभी तक महिला को काम पर क्यों नहीं रखा
गया, इस बारे में मिड डे मील इंचार्ज से पूछताछ की जाएगी।
सुनीता चुघ, खंड शिक्षा अधिकारी
गांव के सरकारी स्कूल में छूआछूत का एक चिंताजनक मामला सामने आया है। गांव
के राजकीय मिडिल स्कूल में तीन महीने से एक दलित महिला को बतौर कुक ज्वाइन
नहीं करने दिया जा रहा।
महिला का आरोप है कि मीड डे मील इंचार्ज बार-बार यह कहकर नियुक्ति पत्र
नहीं दे रहा कि गांव का कोई बच्चा उसके हाथ से बना खाना नहीं खाएगा। उधर,
इस व्यवहार से नाराज गांव दलित परिवारों ने भी विरोध शुरू कर दिया है।
उन्होंने एक सप्ताह बाद अपने बच्चों को स्कूल न भेजने की घोषणा कर दी है।
करीब चार महीने पहले सीता देवी ने गांव के राजकीय मिडल स्कूल में मिड डे
मील के लिए कुक के पद पर आवेदन किया था। सभी पैमानों पर सही उतरने के बाद
उसका चयन कर लिया गया। शिक्षा विभाग की ओर से तीन महीने पहले लिस्ट में
अपना नाम देख्रकर वो ज्वाइन करने स्कूल पहुंची, लेकिन आरोप है कि मिड डे
मील इंचार्ज सतबीर सिंह शास्त्री ने उसे यह कहकर वापस कर दिया कि वह जिस
जाति से संबंध रखती है, उस जाति की किसी महिला के हाथ का बना खाना कोई नहीं
खाएगा।
सीता देवी इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के सीनियर अफसरों के पास पहुंची।
इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी सुनीता चुघ ने एक महीने पहले स्कूल के मुखिया
को पत्र लिखकर सीता को नियुक्ति देने के निर्देश जारी कर दिए। इसके बावजूद
उसे नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। सीता का कहना है कि वो इस बारे में
शिक्षा विभाग के ज्यादातर अफसरों से शिकायत कर चुकी है। मगर उसे अपनी जाति
की वजह से ज्वाइन नहीं करने दिया जा रहा।
सीता देवी के पति छंगे लाल ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ का प्रधान हैं।
उन्होंने यह मामला अपने संगठन और समुदाय के बीच उठाया तो गांव के दलित
परिवारों ने इस व्यवहार का विरोध शुरू कर दिया। बुधवार को इन परिवारों ने
एक सप्ताह के इंतजार के बाद अपने बच्चों को स्कूल न भेजने का एलान कर
दिया।
मुझे स्कूल के मिड डे मील इंचार्ज ने यह कहकर वापस भेज दिया कि मेरे हाथ का बना खाना कोई बच्चा नहीं खाएगा।
सीतादेवी
स्कूल में नहीं आया नियुक्ति पत्र
जाति के आधार पर सीता देवी को काम पर न रखे जाने की बात गलत है। अभी उसका नियुक्ति पत्र स्कूल में नहीं आया है।
सतबीर सिंह शास्त्री, मिड डे मील इंचार्ज
की जाएगी पूछता
style="text-align: justify">
स्कूल को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि महिला को काम पर रखा जाए। पत्र
स्कूल में पहुंच भी चुका है, लेकिन अभी तक महिला को काम पर क्यों नहीं रखा
गया, इस बारे में मिड डे मील इंचार्ज से पूछताछ की जाएगी।
सुनीता चुघ, खंड शिक्षा अधिकारी