किसानों के ब्याज अनुदान में कटौती

जयपुर.
प्रदेश के 30 लाख से ज्यादा किसानों को सस्ते ब्याज (7 प्रतिशत) पर कर्ज
देने के वादे से केंद्र सरकार ने हाथ खींच लिए हैं। उसने वित्त वर्ष के बीच
में ही अचानक सहकारी बैंकों को ब्याज राहत के एवज में दिए जाने वाले 2
प्रतिशत अनुदान को घटाकर 1.5 प्रतिशत कर दिया है।




राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने सहकारी बैंकों को इस
संबंध में सर्कुलर भेजकर नए प्रावधान का तुरंत पालन करने को कहा है। अपेक्स
बैंक के एमडी आरसीएस जोधा ने इस कटौती की पुष्टि की है। इस कटौती से
प्रदेश के सहकारी बैंकों को इस वित्त वर्ष में करीब 25 करोड़ रुपए से
ज्यादा का नुकसान होगा, जबकि उसका पिछले वित्त वर्ष 2009-10 में सालाना लाभ
महज 17.97 करोड़ रुपए था।




सहकारी बैंक अनुदान कटौती सहने की स्थिति में नहीं है, ऐसे में अगले साल
कर्ज बांटने में परेशानियां आना तय है। प्रदेश में सहकारी बैंकों ने इस
वित्त वर्ष में 5000 करोड़ रु. के फसली कर्जे बांटे हैं। इस वित्त वर्ष
(2010-11) में राज्य सरकार ने 30 करोड़ रु. का अनुदान दिया, जिसके बाद 1500
करोड़ रुपए का कर्ज नए किसानों को दिया गया। पिछले वित्त वर्ष में 3200
करोड़ रु. का कर्ज बंट पाया था।




कटौती पर सरकार मौन: 30 लाख से ज्यादा किसानों के कर्ज से जुड़े इस
मामले में सरकार ने चुप्पी साध रखी है। ब्याज अनुदान में आधा प्रतिशत कटौती
पर सहकारिता विभाग के आला अफसरों ने अभी तक केंद्र को पत्र तक नहीं लिखा
है। सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव और नाबार्ड के निदेशक आरके मीणा ने इस
मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।




राज्य सरकार कर देगी भरपाई: किसानों को कोई नुकसान नहीं होने दिया
जाएगा। सहकारी बैंकों को जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई राज्य सरकार कर
देगी। – परसादीलाल मीणा, सहकारिता मंत्री

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