सीकर।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रस्तावों के सिलसिले में बुलवाई गई
जिला परिषद की बैठक में सोमवार को अफसर जनप्रतिनिधियों के इस सवाल पर घिर
गए कि हमारे गांव सड़क से वंचित कैसे हैं? इस पर तय हुआ कि 29 जनवरी तक और
प्रस्ताव दिए जा सकते हैं। वहीं सदन में प्रश्नकाल पर प्रारंभिक सहमति हो
गई है। पलसाना डेयरी में गड़बड़ी की शिकायत की जांच एक महीने में पूरी
होगी, तो फेट की रेट बढ़ाने की जानकारी भी दी गई।
पिछली आयोजना समिति की बैठक में श्रीमाधोपुर व नीमकाथाना क्षेत्र के ही
प्रस्ताव भेजे जाने की बात को लेकर अनुमोदन नहीं होने पर दुबारा तय हुई
मीटिंग की शुरुआत पीएमजीवाई योजना पर चर्चा के साथ हुई। सदस्यों ने आरोप
लगाया कि गाइड लाइन को दरकिनार कर पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव तैयार किए हैं।
इसमें नए रेवेन्यू विलेज को मानकर प्रस्ताव नहीं बनाए जा रहे हैं। जबकि
विभाग में इस तरह के आदेश हैं।
ऐसे में पुराने रेवेन्यू विलेज को आधार मानने से जिले में काफी संख्या में
ऐसी आबादी हैं, जो सड़कों से वंचित हो रही है। सदस्यों ने यह भी आपत्ति
जताई कि मूल गाइड लाइन का पालन नहीं करके तोड़ा मरोड़ा जा रहा है, जिससे
पहले राजस्व गांव नहीं होने और फिर राजस्व गांव बनने बनने की वजह से आबादी
सड़क से जुड़ पा रही है। विधायक अमराराम, पंचायत समिति प्रधान झाबरसिंह,
पेमाराम आदि ने संभाग स्तरीय मीटिंग में तय हुई गाइड लाइन का हवाला भी
दिया।
जिला प्रमुख रीटासिंह ने कहा कि आबादी का सड़क से वंचित रहना बेहद गंभीर
मामला है, जबकि संभाग स्तरीय मीटिंग में सब कुछ तय हो चुका है। सदन में
सहमति से तय किया गया कि 29 जनवरी तक प्रस्ताव लिए जाएंगे, फिर जिला प्रमुख
की स्वीकृति पर अनुमोदन मान लिया जाएगा। सार्वजनिक निर्माण मंत्री के स्तर
पर हुई बैठक का सन्दर्भ देते हुए बताया कि इस बैठक में पांच सौ की आबादी
को आधार मानते हुए इस दायरे में आने वाले सभी गांवों, ढाणियों व मजरों के
प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये हैं।
यह भी कहा गया कि 29 जनवरी तक दिये जाने वाले प्रस्तावों के बाद पांच सौ की
आबादी वाला एक भी हेबिटेशन (ढाणी) नवीन प्रस्तावों में शामिल होने से
वंचित नहीं रहेगा। इसके बाद प्रधान झाबरसिंह खर्रा ने पलसाना डेयरी में
गड़बड़ी को लेकर पिछली मीटिंग में उठाए गए मुद्दे पर कार्रवाई जानी।
इस पर कार्यवाहक कलेक्टर बासुदेव शर्मा ने कहा कि जांच के लिए एसीएम को
भेजा गया था, जिसमें फिलहाल गड़बड़ी नहीं मिली है। इस पर प्रधान ने सवाल
किया कि पहले हुई गड़बड़ी के प्रमाण पेश किए जाएंगे, जिस पर किस तरह की
कार्रवाई की जाएगी। कार्यवाहक कलेक्टर ने मामले की एक महीने में जांच करने
/> भरोसा दिया। इसके अलावा फेट की रेट 3.50 रुपए बढ़ाकर 3.65 रुपए करने क आदेश
की जानकारी। वहीं रेट और बढ़ाने के लिए उच्च स्तर पर लिखने की बात कही।
इसके बाद जिला परिषद के सदस्यों के सवालों का लिखित में जवाब व सदन में
शून्यकाल व्यवस्था को लेकर जिला प्रमुख के अलावा कुछ सदस्यों ने सदन में
बात रखी। इस पर प्रारंभिक सहमति दे दी गई। जिला प्रमुख ने बताया कि फिलहाल
स्टडी करवाई जा रही है। अगली मीटिंग तक व्यवस्था को लागू करेंगे।
जिला प्रमुख ने पंचायती राज जनप्रतिनिधियों को पहचान पत्र जारी करने तथा
जिला परिषद की बैठकों में विधानसभा की तर्ज पर प्रश्न काल शुरू करने की
जानकारी भी दी। बैठक में कई सदस्यों ने अधिकारियों के व्यवहार को लेकर भी
नाराजगी जताई।
जिप सदस्य ताराचंद धायल ने सीईओ के व्यवहार को सवाल उठाया कि वे सदस्यों को
तजरीह नहीं देते हैं। वहीं जिला परिषद की ओर से ढाई लाख रुपए की लागत से
कलेक्ट्रेट में लगाए पौधों की स्थिति की जांच होनी चाहिए। सदस्य सीताराम
लांबा ने इंदिरा आवास के लिए राशि मंजूर नहीं होने, नरेगा में मेडिकल किट
में पूरा सामान नहीं होने और नरेगा में बांटे गए लूगड़ी घाघरा की रेट
दिखवाए जाने की बात रखी।
विधायक पेमाराम ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रस्तावों के सिलसिले में बुलवाई गई
जिला परिषद की बैठक में सोमवार को अफसर जनप्रतिनिधियों के इस सवाल पर घिर
गए कि हमारे गांव सड़क से वंचित कैसे हैं? इस पर तय हुआ कि 29 जनवरी तक और
प्रस्ताव दिए जा सकते हैं। वहीं सदन में प्रश्नकाल पर प्रारंभिक सहमति हो
गई है। पलसाना डेयरी में गड़बड़ी की शिकायत की जांच एक महीने में पूरी
होगी, तो फेट की रेट बढ़ाने की जानकारी भी दी गई।
पिछली आयोजना समिति की बैठक में श्रीमाधोपुर व नीमकाथाना क्षेत्र के ही
प्रस्ताव भेजे जाने की बात को लेकर अनुमोदन नहीं होने पर दुबारा तय हुई
मीटिंग की शुरुआत पीएमजीवाई योजना पर चर्चा के साथ हुई। सदस्यों ने आरोप
लगाया कि गाइड लाइन को दरकिनार कर पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव तैयार किए हैं।
इसमें नए रेवेन्यू विलेज को मानकर प्रस्ताव नहीं बनाए जा रहे हैं। जबकि
विभाग में इस तरह के आदेश हैं।
ऐसे में पुराने रेवेन्यू विलेज को आधार मानने से जिले में काफी संख्या में
ऐसी आबादी हैं, जो सड़कों से वंचित हो रही है। सदस्यों ने यह भी आपत्ति
जताई कि मूल गाइड लाइन का पालन नहीं करके तोड़ा मरोड़ा जा रहा है, जिससे
पहले राजस्व गांव नहीं होने और फिर राजस्व गांव बनने बनने की वजह से आबादी
सड़क से जुड़ पा रही है। विधायक अमराराम, पंचायत समिति प्रधान झाबरसिंह,
पेमाराम आदि ने संभाग स्तरीय मीटिंग में तय हुई गाइड लाइन का हवाला भी
दिया।
जिला प्रमुख रीटासिंह ने कहा कि आबादी का सड़क से वंचित रहना बेहद गंभीर
मामला है, जबकि संभाग स्तरीय मीटिंग में सब कुछ तय हो चुका है। सदन में
सहमति से तय किया गया कि 29 जनवरी तक प्रस्ताव लिए जाएंगे, फिर जिला प्रमुख
की स्वीकृति पर अनुमोदन मान लिया जाएगा। सार्वजनिक निर्माण मंत्री के स्तर
पर हुई बैठक का सन्दर्भ देते हुए बताया कि इस बैठक में पांच सौ की आबादी
को आधार मानते हुए इस दायरे में आने वाले सभी गांवों, ढाणियों व मजरों के
प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये हैं।
यह भी कहा गया कि 29 जनवरी तक दिये जाने वाले प्रस्तावों के बाद पांच सौ की
आबादी वाला एक भी हेबिटेशन (ढाणी) नवीन प्रस्तावों में शामिल होने से
वंचित नहीं रहेगा। इसके बाद प्रधान झाबरसिंह खर्रा ने पलसाना डेयरी में
गड़बड़ी को लेकर पिछली मीटिंग में उठाए गए मुद्दे पर कार्रवाई जानी।
इस पर कार्यवाहक कलेक्टर बासुदेव शर्मा ने कहा कि जांच के लिए एसीएम को
भेजा गया था, जिसमें फिलहाल गड़बड़ी नहीं मिली है। इस पर प्रधान ने सवाल
किया कि पहले हुई गड़बड़ी के प्रमाण पेश किए जाएंगे, जिस पर किस तरह की
कार्रवाई की जाएगी। कार्यवाहक कलेक्टर ने मामले की एक महीने में जांच करने
/> भरोसा दिया। इसके अलावा फेट की रेट 3.50 रुपए बढ़ाकर 3.65 रुपए करने क आदेश
की जानकारी। वहीं रेट और बढ़ाने के लिए उच्च स्तर पर लिखने की बात कही।
इसके बाद जिला परिषद के सदस्यों के सवालों का लिखित में जवाब व सदन में
शून्यकाल व्यवस्था को लेकर जिला प्रमुख के अलावा कुछ सदस्यों ने सदन में
बात रखी। इस पर प्रारंभिक सहमति दे दी गई। जिला प्रमुख ने बताया कि फिलहाल
स्टडी करवाई जा रही है। अगली मीटिंग तक व्यवस्था को लागू करेंगे।
जिला प्रमुख ने पंचायती राज जनप्रतिनिधियों को पहचान पत्र जारी करने तथा
जिला परिषद की बैठकों में विधानसभा की तर्ज पर प्रश्न काल शुरू करने की
जानकारी भी दी। बैठक में कई सदस्यों ने अधिकारियों के व्यवहार को लेकर भी
नाराजगी जताई।
जिप सदस्य ताराचंद धायल ने सीईओ के व्यवहार को सवाल उठाया कि वे सदस्यों को
तजरीह नहीं देते हैं। वहीं जिला परिषद की ओर से ढाई लाख रुपए की लागत से
कलेक्ट्रेट में लगाए पौधों की स्थिति की जांच होनी चाहिए। सदस्य सीताराम
लांबा ने इंदिरा आवास के लिए राशि मंजूर नहीं होने, नरेगा में मेडिकल किट
में पूरा सामान नहीं होने और नरेगा में बांटे गए लूगड़ी घाघरा की रेट
दिखवाए जाने की बात रखी।
विधायक पेमाराम ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया।