सागर.
मध्यप्रदेश राज्य एवं फार्म विकास निगम द्वारा किसानों के लिए तैयार कराए
जा रहे करोड़ों रुपए के बीज पर खराब होने का खतरा छा गया है। ऐसा जिला
प्रशासन एवं नगर निगम प्रशासन की मनमानी के कारण हो रहा है! गंदे पानी के
निकास के लिए बीज प्रक्रिया केंद्र के गोडाउन के समीप से नाली बनवाए जाने
के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है।
मुख्यद्वार के सामने से नाली बनाई जा रही है- बीज निगम के प्रक्रिया केंद्र
के विक्रय अधिकारी सीपी सिंह का कहना है कि पिछले कई वर्षों से केंद्र के
पीछे से करीब 5 फीट चौड़े एवं 3 फीट गहरे नाले से सुभाष नगर स्थित सिंधी
कैंप के गंदे पानी का निकास था। लेकिन पिछले दिनों जिला प्रशासन द्वारा
रेडक्रास समिति द्वारा संचालित वृद्धाश्रम को केंद्र के समीप आईटीआई के
टीसीपीसी हॉस्टल में ट्रांसफर किए जाने के कारण इस नाले को बंद किया जा रहा
है। इस पुराने नाले को बंद कर बीज निगम के लिए निर्धारित भूमि से नाला
निकाला जा रहा है। जिसकी चौड़ाई व गहराई कम होने के कारण मुख्यद्वार से
बारिश के दौरान केंद्र के भीतर पानी भर सकता है। श्री सिंह का कहना है कि
इस बरसाती पानी के कारण यहां तैयार बीज खराब हो सकता है। उसकी गुणवत्ता भी
प्रभावित हो सकती है। मध्यप्रदेश बीज विकास निगम के विपणन अधिकारी सुरेश
जैन का कहना है का बीज प्रक्रिया केंद्र जिस जगह संचालित हो रहा है। वह बीज
निगम की भूमि है। केंद्र को यह भूमि वर्ष 1995 में किराए पर दी गई थी।
चूंकि नगर निगम प्रशासन ने हमारी भूमि से नाला या नाली निकालने के किए
सहमति नहीं ली है अतएव इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की जाएगी। प्रक्रिया
केंद्र के सामने से निकलने वाला नाला वहां रखे बीज को खराब कर सकता है।
मध्यप्रदेश राज्य एवं फार्म विकास निगम द्वारा किसानों के लिए तैयार कराए
जा रहे करोड़ों रुपए के बीज पर खराब होने का खतरा छा गया है। ऐसा जिला
प्रशासन एवं नगर निगम प्रशासन की मनमानी के कारण हो रहा है! गंदे पानी के
निकास के लिए बीज प्रक्रिया केंद्र के गोडाउन के समीप से नाली बनवाए जाने
के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है।
मुख्यद्वार के सामने से नाली बनाई जा रही है- बीज निगम के प्रक्रिया केंद्र
के विक्रय अधिकारी सीपी सिंह का कहना है कि पिछले कई वर्षों से केंद्र के
पीछे से करीब 5 फीट चौड़े एवं 3 फीट गहरे नाले से सुभाष नगर स्थित सिंधी
कैंप के गंदे पानी का निकास था। लेकिन पिछले दिनों जिला प्रशासन द्वारा
रेडक्रास समिति द्वारा संचालित वृद्धाश्रम को केंद्र के समीप आईटीआई के
टीसीपीसी हॉस्टल में ट्रांसफर किए जाने के कारण इस नाले को बंद किया जा रहा
है। इस पुराने नाले को बंद कर बीज निगम के लिए निर्धारित भूमि से नाला
निकाला जा रहा है। जिसकी चौड़ाई व गहराई कम होने के कारण मुख्यद्वार से
बारिश के दौरान केंद्र के भीतर पानी भर सकता है। श्री सिंह का कहना है कि
इस बरसाती पानी के कारण यहां तैयार बीज खराब हो सकता है। उसकी गुणवत्ता भी
प्रभावित हो सकती है। मध्यप्रदेश बीज विकास निगम के विपणन अधिकारी सुरेश
जैन का कहना है का बीज प्रक्रिया केंद्र जिस जगह संचालित हो रहा है। वह बीज
निगम की भूमि है। केंद्र को यह भूमि वर्ष 1995 में किराए पर दी गई थी।
चूंकि नगर निगम प्रशासन ने हमारी भूमि से नाला या नाली निकालने के किए
सहमति नहीं ली है अतएव इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की जाएगी। प्रक्रिया
केंद्र के सामने से निकलने वाला नाला वहां रखे बीज को खराब कर सकता है।