गरीबी कोटा नहीं दिया तो होगी सख्त कार्रवाई

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने
बृहस्पतिवार को अपने निवास पर कहा कि निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटों पर
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को निशुल्क दाखिला देना ही होगा। उनकी मनमानी
नहीं चलेगी। अगर स्कूल प्रशासन नियमों की अनदेखी करेंगे तो सरकार उनसे
सख्ती से निपटेगी।

उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून में नियमों की अनदेखी करने वाले
स्कूलों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कर स्कूलों को सरकार के अधीनस्थ
चलाने का भी प्रावधान है। जरूरत पड़ी तो ऐसा भी किया जा सकता है। लेकिन
सरकार निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती। इसलिए
निजी स्कूल भी नियमों का पालन करें। ऐसा न करने वाले स्कूलों से सख्ती से
निपटा जाएगा। लवली ने बताया कि दिल्ली में करीब तीन हजार स्कूल हैं। इनमें
से 500 स्कूलों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने सस्ती भूमि आवंटित की
है। ढाई हजार स्कूलों की फीस प्रति माह 300 से एक हजार रुपये के बीच है।
वहीं 500 स्कूलों की फीस प्रति माह दो हजार रुपये है। सरकार ने तय किया है
कि ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत 25 फीसदी सीटों पर निशुल्क दाखिला देने वाले
स्कूलों को सरकार सहायता भी देगी। यह सहायता राशि एक हजार से 13 सौ रुपये
के बीच हो सकती है। अनुमान के मुताबिक, करीब एक लाख बच्चों को ईडब्ल्यूएस
कोटे के तहत दाखिला दिया जाना है। ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत बृहस्पतिवार को
दाखिला आवेदन करने की अंतिम तिथि थी। आवेदन के बाद दाखिला फीस 31 मार्च तक
जमा होगी।

उन्होंने कहा कि इस बीच अगर किसी अभिभावक को स्कूलों से शिकायत है तो वह
क्षेत्रीय उपशिक्षा निदेशक या शिक्षा अधिकारी के पास शिकायत कर सकते हैं।
अभिभावक दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन शिकायत
दर्ज कर सकते हैं। जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायत होगी, उनसे सख्ती से निपटा
जाएगा।

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