केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई में पिस रहा गरीब

भोपाल.
केंद्र और राज्य सरकार लड़ाई में गरीब पिस रहे हैं। केंद्र के गोदाम अनाज
से भरे पड़े हैं, लेकिन गरीबों के लिए अनाज नहीं है,जबकि सुप्रीमकोर्ट दो
साल पहले की कह चुका है कि प्रत्येक बीपीएल परिवार को 35 किलो अनाज हरहाल
में मुहैया कराया जाना है। लेकिन गरीबों को बमुश्किल 23 किलो अनाज ही मिल
पा रहा है।




वहीं राज्य सरकार की लेतलतीफी यह कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश का उल्लंघन होने
के बाद भी उसकी ओर से कोर्ट में अवमानना की याचिका नहीं लगाई गई।




सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद भी प्रदेश के 53 लाख बीपीएल परिवारों को
दो साल से 12 किलो अनाज कम मिल रहा है। प्रदेश के खाद्य विभाग के अफसर
इसके लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए तर्क देते हैं कि अगर केंद्र अनाज
आवंटित कर दे तो उसे वितरित करने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन हकीकत यह
है कि इस मामले में विभाग ने भी कोई ठोस पहल नहीं की है।




केवल एक बार सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दायर कर एवं केंद्र को दो चार पत्र लिखकर खाद्य विभाग ने चुप्पी साध ली।




दो माह बाद फिर आएगी दिक्कत: जनवरी में केंद्र ने अचानक डेढ़ लाख टन
से ज्यादा अनाज आवंटित कर दिया है। यह अनाज फरवरी एवं मार्च माह में
मिलेगा। इन दो महीनों में कोई दिक्कत नहीं रहेगी लेकिन इसके बाद फिर 12
किलो अनाज कम मिलना शुरू हो जाएगा।




परिवारों की पीड़ा: रोशनपुरा की झुग्गी नंबर 1205 में रहने वाली
नसरीन दुखी मन से कहती हैं कि उनके परिवार में पांच सदस्य हैं। लेकिन राशन
दुकान से महीने में 23 किलो अनाज ही मिलता है। इसमें पूरे परिवार का गुजर
बसर नहीं हो पाता। लिहाजा 200 रुपए का अनाज बाजार से खरीदना पड़ रहा है।




झुग्गी क्रमांक 1209 में रहने वाली सुमिता सिंह बताती हैं कि उनके परिवार
में छह सदस्य हैं। कंट्रोल की दुकान से मिलने वाले अनाज से पेट नहीं भर
पाता। बाजार से 30 किलो अनाज खरीदना पड़ रहा है।




केंद्र से ही नहीं मिल रहा अनाज




हम तो हर बीपीएल परिवार को 35 किलो अनाज देना चाहते हैं। केंद्र से ही अनाज
नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री कई बार पत्र भी लिख चुके हैं।""




अजीत केसरी,आयुक्त,खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति




प्रदेश सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है इसीलिए गरीबों को कम राशन
मिल रहा है। उद्योग सेक्टर में रियायत दी जा रही है, तो खाद्य क्षेत्र में
रियायत क्यों नहीं दी जा रही।""




सचिन जैन,सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त राज्य खाद्य सलाहकार

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