भोपाल। जबसे किसानों के खेतों में पाले की आफत आई है और किसानों के
आत्महत्या करने के मामले बढ़े हैं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोजाना
फसलों का मुआयना करने किसी न किसी गांव में पहुंच रहे हैं। रविवार को वह
राजधानी के पड़ौसी रायसेन जिले के दो गांवों में गए और किसानों को दिलासा दी
कि सरकार उनके साथ है और वे कतई चिंता न करें। जिन गैर लाइसेंसी साहूकारों
से किसानों ने ऊंची ब्याज दरों पर ऋण लिया है, मुख्यमंत्री ने ऐसे
साहूकारों को सूचीबद्ध कर कार्रवाई करने का भरोसा भी दिलाया।
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि आला अफसरों को स्पष्ट हिदायत
देने के बावजूद मुख्यमंत्री को अकेले दौड़ लगाना पड़ रही है। जबकि तीन दिन
पहले चौहान ने रीवा में संपन्न अंत्योदय मेले में प्रमुख सचिव और सचिव स्तर
के अफसरों से स्पष्ट शब्दों में कहा था कि वे राज्य मंत्रालय में न बैठे
रहें, गांव-गांव जाकर वस्तुस्थिति भी देखें। जाहिर है, सूबे का मुखिया का
इतना कहना काफी था, मगर इसका असर दिखना शुरू नहीं हुआ है। यहां तक किसानों
के मामले में एक विवादास्पद बयान देकर सुर्खियों में आए कृषि मंत्री
रामकृष्ण कुसमरिया भी मुख्यमंत्री और पार्टी नेतृत्व को अपनी तरफ से एक
सफाई पत्र लिखने के बाद से शांत हैं।
यहां यह गौरतलब है कि राज्य में पिछले एक माह के भीतर करीब दस किसान
आत्महत्या कर चुके हैं। इनमें से ज्यादातर ने दलहन की फसल चौपट हो जाने के
कारण आत्महत्याएं की हैं। इतना ही नहीं आत्महत्या के इन ताजा मामलों का
दुखद पहलू यह भी है कि मरने वालों में अधिकांश किसान कर्जदार थे। लिहाजा
सरकार ने पांच सौ करोड़ रूपए का राहत पैकेज दिया है और किसानों से कर्ज
वसूली स्थगित कर दी गई है। यही नहीं अगले साल से एक फीसदी ब्याज पर ऋण देने
का ऐलान भी किया है।
रविवार को मुख्यमंत्री चौहान ने रायसेन जिले के भारकच्छ और गडरवास में पाला से प्रभावित फसलों का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को सख्त निर्देश हैं कि क्षतिग्रस्त
फसलों का आकलन तत्परता और उदारता से किया जाए। फसल की क्षति का आकलन कुछ
अधिक भले ही हो जाए लेकिन कम नहीं। सभी तरह की फसलों के लिए राहत दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि पाला प्रभावित किसानों को राहत के लिए 500 करोड़ रूपए की
राशि अलग रखी गई है। ऋण वसूली स्थगित की गई है और इस साल का ब्याज सरकार
देगी।
चौहान ने कहा कि राज्य शासन ने किसानों को एक प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज
देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अवैध साहूकारों पर सख्ती से कार्यवाही
की जा रही है। किसानों के लिये अनेक तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं और
खाद-बीज पर अनुदान दिया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित महेन्द्र सिंह को इलाज के लिए एक लाख तथा मीना बाई को 10 हजार रुपए स्वीकृत किए।