सोलन।
प्रदेश के किसान भी अब फॉरवर्ड मार्केट ट्रेडिंग में हाथ अजमा सकेंगे।
फॉरवर्ड मार्केट ट्रेडिंग से किसान अपनी फसल तैयार होने से पहले ही उसका
मोल-भाव कर सकेंगे। इससे उन्हें उत्पाद बेचने के लिए नहीं भटकना पड़ेगा।
इससे किसानों को जहां उनके उत्पाद का सही मूल्य मिलेगा वहीं बाजार में
कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ाव का भी प्रभाव भी किसानों पर नहीं पड़ेगा।
इससे किसानों को होने वाले घाटे से भी बचाया जा सकेगा। भारत सरकार के
उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मत्रालय के फॉरवर्ड मार्केट
कमीशन ने हिमाचल के किसानों को फॉरवर्ड मार्केट ट्रेडिंग के बारे में
जागरूक करने का जिम्मा नाबार्ड को सौंपा है।
इसके तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में नाबार्ड किसानों को जागरूकता शिविरों
का आयोजन किया जाएगा। इसमें किसानों को कमोडिटी एक्सचेंज कैसे करना है
इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। अभी किसान प्रत्यक्ष रूप से
फॉरवर्ड बाजार में भाग नहीं लेते। वह केवल फॉरवर्ड मार्केट से उभरने वाले
मूल्य संकेतों का लाभ लेते हैं। काफी अर्से पहले मिले मूल्य संकेतों से
किसान को फसल चक्र और खेती की निवेश प्रबलता के बारे में निर्णय लेने में
मदद मिलती है। इससे किसान अपने माल की प्रतिरक्षा करके वायदा बाजार के
फायदे ले सकता है। माल में विकल्प व्यापार जब कभी इनको विधिक रूप से
स्वीकृति दी जाए किसानों के लिए अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल होंगे।
क्या है फॉरवर्ड मार्केट
फॉरवर्ड मार्केट के प्रतिभागियों में उत्पादक, प्रसंस्कारक, विनिर्माता,
निर्यातक, आयातक और बल्क उपभोक्ता शामिल होते हैं। स्पॉट मार्केट में मूल्य
में कम या ज्यादा होने की जोखिम जरूर होती है। फॉरवर्ड बाजार मूल्य जोखिम
को कम करने के लिए मंच उपलब्ध करवाता है।
प्रदेश के किसान भी अब फॉरवर्ड मार्केट ट्रेडिंग में हाथ अजमा सकेंगे।
फॉरवर्ड मार्केट ट्रेडिंग से किसान अपनी फसल तैयार होने से पहले ही उसका
मोल-भाव कर सकेंगे। इससे उन्हें उत्पाद बेचने के लिए नहीं भटकना पड़ेगा।
इससे किसानों को जहां उनके उत्पाद का सही मूल्य मिलेगा वहीं बाजार में
कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ाव का भी प्रभाव भी किसानों पर नहीं पड़ेगा।
इससे किसानों को होने वाले घाटे से भी बचाया जा सकेगा। भारत सरकार के
उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मत्रालय के फॉरवर्ड मार्केट
कमीशन ने हिमाचल के किसानों को फॉरवर्ड मार्केट ट्रेडिंग के बारे में
जागरूक करने का जिम्मा नाबार्ड को सौंपा है।
इसके तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में नाबार्ड किसानों को जागरूकता शिविरों
का आयोजन किया जाएगा। इसमें किसानों को कमोडिटी एक्सचेंज कैसे करना है
इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। अभी किसान प्रत्यक्ष रूप से
फॉरवर्ड बाजार में भाग नहीं लेते। वह केवल फॉरवर्ड मार्केट से उभरने वाले
मूल्य संकेतों का लाभ लेते हैं। काफी अर्से पहले मिले मूल्य संकेतों से
किसान को फसल चक्र और खेती की निवेश प्रबलता के बारे में निर्णय लेने में
मदद मिलती है। इससे किसान अपने माल की प्रतिरक्षा करके वायदा बाजार के
फायदे ले सकता है। माल में विकल्प व्यापार जब कभी इनको विधिक रूप से
स्वीकृति दी जाए किसानों के लिए अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल होंगे।
क्या है फॉरवर्ड मार्केट
फॉरवर्ड मार्केट के प्रतिभागियों में उत्पादक, प्रसंस्कारक, विनिर्माता,
निर्यातक, आयातक और बल्क उपभोक्ता शामिल होते हैं। स्पॉट मार्केट में मूल्य
में कम या ज्यादा होने की जोखिम जरूर होती है। फॉरवर्ड बाजार मूल्य जोखिम
को कम करने के लिए मंच उपलब्ध करवाता है।