जच्चा-बच्चा का रिकार्ड रखने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ई-महतारी योजना के शुरू होने के बाद राज्य
ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती माताओं और एक वर्ष तक के बच्चों का आन लाइन
रिकार्ड रखने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके लिए ई-महतारी के नाम से नई योजना शुरू की गई।

अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ई-महतारी
योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के शुरू हो जाने से राज्य के ग्रामीण
क्षेत्रों की सभी गर्भवती माताओं और बच्चों का ऑन लाइन रिकार्ड रखना संभव
होगा और उन्हें जरूरत पड़ने पर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं समय पर उपलब्ध कराई
जा सकेगी।

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि राज्य में
स्वास्थ्य के क्षेत्र में अब तक का यह महत्वपूर्ण प्रयास है। प्रत्एक
जच्चा-बच्चा का रिकार्ड आन लाइन होने से मातृ एवं शिशु कल्याण
कार्यक्त्रमों की बेहतर मानीटरिंग हो सकेगी और इसके माध्यम से मातृ और शिशु
मृत्यु दर में अपेक्षित कमी लाने में सफलता मिलेगी। सिंह ने कहा कि आने
वाले वर्षो में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने बताया कि एनआईसी के सहयोग से
ई-महतारी साफ्टवेयर तैयार किया गया है। पहले जच्चा-बच्चा का रिकार्ड रखने
के लिए एएनएम को 15 प्रकार की पंजी बनानी होती थी। अब मातृ और शिशु
कार्यक्त्रम से संबंधित सभी कार्यक्त्रमों की एक ही पंजी होगी।

पंजी में प्रत्येक गर्भवती माता और एक वर्ष तक के बच्चों के लिए आवश्यक
सभी स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा रिकार्ड रखा जाएगा और एएनएम द्वारा प्रस्तुत
प्रतिवेदन के आधार पर उस डाटा को आन लाइन अपडेट किया जाएगा।

अग्रवाल ने बताया कि इसके बाद प्रत्येक महीने सेक्टर स्तर पर आयोजित
बैठक में सभी एएनएम कार्यकर्ताओं को जॉब कार्ड दिया जाएगा, जिसमें टीकाकरण
तथा अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से छूटे माताओं एवं बच्चों को सेवाएं प्रदान किए
जाने का उल्लेख होगा। एएनएम इस जॉब कार्ड को लेकर गांवों में जाएंगी और
गर्भवती माताओं और बच्चों का टीकाकरण करके जाब कार्ड पुन: विकासखंड स्तर पर
प्रस्तुत करेंगी, जिसे सर्वर में फीड किया जाएगा। यह सिलसिला हर महीने
जारी रहेगा।

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