लुधियाना।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रविवार सुबह गुरुनानक भवन में एक
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत लाभपात्रियों को चेक बांटे। इस
मौके पर शगुन स्कीम के तहत 1050 लाभपात्रियों को एक करोड़ 57 लाख, 1048
लोगों को कच्चे मकानों को पक्का बनाने के लिए 3 करोड़ 23 लाख के चेक दिए
गए, जबकि विधवा पेंशन के 50 लाभपात्रियों को पांच लाख रुपए के चेक सौंपे
गए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सिर्फ अकाली भाजपा सरकार ने गरीब
की बेटियों को अपना माना और शगुन स्कीम शुरू की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस
का काम तो योजनाओं में नुक्ताचीनी करना है। उन्होंने कहा कि अकाली भाजपा
सरकार ने जब शगुन स्कीम शुरू की थी, तब कांग्रेसियों ने कहा था कि ये तो
मामों-नानों की सरकार है।
बादल ने कहा कि अगर वे अपने राज में गरीब की बेटी के मामे-नाने बन सके हैं,
तो उन्हें इस बात का गर्व है। उन्होंने कहा कि जब आटा दाल स्कीम शुरू की,
तब भी कांग्रेस ने उसका मजाक उड़ाया, लेकिन आज केंद्र सरकार को इस स्कीम की
नकल करनी पड़ी।
बादल ने कहा कि गरीबी, अनपढ़ता, बेरोजगारी व महंगाई के मुद्दे केंद्र सरकार
की नीतियों पर निर्भर करते हैं। दुख की बात है कि केंद्र की नीतियों का
झुकाव गरीबों की बजाय अमीरों की तरफ ज्यादा है। यही वजह है कि देश की कुल
जीडीपी का आधा हिस्सा ब्लैक मनी के रूप में तीन फीसदी लोगों के पास पड़ा
है, जबकि गरीब रोटी के लिए तरस रहा है।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रविवार सुबह गुरुनानक भवन में एक
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत लाभपात्रियों को चेक बांटे। इस
मौके पर शगुन स्कीम के तहत 1050 लाभपात्रियों को एक करोड़ 57 लाख, 1048
लोगों को कच्चे मकानों को पक्का बनाने के लिए 3 करोड़ 23 लाख के चेक दिए
गए, जबकि विधवा पेंशन के 50 लाभपात्रियों को पांच लाख रुपए के चेक सौंपे
गए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सिर्फ अकाली भाजपा सरकार ने गरीब
की बेटियों को अपना माना और शगुन स्कीम शुरू की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस
का काम तो योजनाओं में नुक्ताचीनी करना है। उन्होंने कहा कि अकाली भाजपा
सरकार ने जब शगुन स्कीम शुरू की थी, तब कांग्रेसियों ने कहा था कि ये तो
मामों-नानों की सरकार है।
बादल ने कहा कि अगर वे अपने राज में गरीब की बेटी के मामे-नाने बन सके हैं,
तो उन्हें इस बात का गर्व है। उन्होंने कहा कि जब आटा दाल स्कीम शुरू की,
तब भी कांग्रेस ने उसका मजाक उड़ाया, लेकिन आज केंद्र सरकार को इस स्कीम की
नकल करनी पड़ी।
बादल ने कहा कि गरीबी, अनपढ़ता, बेरोजगारी व महंगाई के मुद्दे केंद्र सरकार
की नीतियों पर निर्भर करते हैं। दुख की बात है कि केंद्र की नीतियों का
झुकाव गरीबों की बजाय अमीरों की तरफ ज्यादा है। यही वजह है कि देश की कुल
जीडीपी का आधा हिस्सा ब्लैक मनी के रूप में तीन फीसदी लोगों के पास पड़ा
है, जबकि गरीब रोटी के लिए तरस रहा है।