राज्य के करीब तीन लाख स्कूली शिक्षक भी अपनी सम्पत्ति की घोषणा
करेंगे। उनके साथ शिक्षा अधिकारी और कर्मचारी भी। चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों
को इससे राहत दी गयी है। यह ब्योरा 31 जनवरी तक दे देना है। ब्योरा देने
के बाद ही अगले माह का वेतन मिलेगा। निदेशक प्रशासन मानव संसाधन मिसबाह
बारी के हस्ताक्षर से इस संबंध में सोमवार को आदेश जारी कर दिया गया।
हालांकि अगले साल से यह ब्योरा 31 दिसम्बर तक ही दे देना होगा।
मुख्यमंत्री, उनके कैबिनेट के सहयोगियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा के
अधिकारियों के बाद अब शिक्षकों को अपनी सम्पत्ति की घोषणा करनी होगी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाये गये अभियान के हिस्से से इसे जोड़ कर देखा जा रहा
है। नियोजित और नियमित वेतन पर नियुक्त तमाम प्राथमिक से लेकर प्लस टू तक
के शिक्षकों और कर्मचारियों यह ब्योरा देना है। मानव संसाधन विभाग ने
सम्पत्ति की घोषणा मामलों की मानीटरिंग के लिए विभाग मुख्यालय में एक सेल
का गठन कर दिया है। मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह के
अनुसार शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ- साथ शिक्षा अधिकारियों को भी
सम्पत्ति का ब्योरा देना है।
जारी आदेश के अनुसार सरकारी सेवा आचार नियमावली 1976 के नियम 19 के उप
नियम 1 के आलोक में अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शिक्षकों को अपनी सम्पत्ति
का ब्योरा देना है। क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, उप निदेशक, जिला शिक्षा
अधीक्षक, जिला शिक्षा अधिकारी सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यो, शैक्षणिक
संस्थानों और बोर्डो के प्रधान को सम्पत्ति का हिसाब लेने के लिए अधिकृत
किया गया है। पहले अधिकारी अपनी सम्पत्ति के साथ अधीनस्थों की सम्पत्ति का
ब्योरा एकत्र करेंगे और निदेशालय में गठित सेल में 31 जनवरी के पूर्व जमा
करेंगे।