FIR:सरपंच पतियों के खिलाफ कसेगा शिकंजा

भोपाल.
पत्नी के नाम पर पंचायतें चला रहे और खातों से रकम निकाल रहे सरपंच पतियों
और पंचायत सचिवों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आदेश जारी हो गया
है। पंचायती राज आयुक्त ने सभी जिला और जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन
अधिकारियों से ऐसे मामलों में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने और पंचायतराज
कानून के तहत कार्रवाई करने को कहा है।


सचिवों के साथ करते हैं मिलीभगत: दैनिक
भास्कर ने इस संबंध में 17 दिसंबर को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।
प्रदेश में करीब साढ़े 11 हजार महिला सरपंच हैं। इनमें से ज्यादातर सरपंच
पति सचिवों के साथ मिलीभगत कर बैंकों से राशि निकाल रहे हैं। पंचायतराज
आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने मंगलवार मुख्यकार्यपालन अधिकारियों को जारी
आदेश में कहा है कि राज्य शासन के ध्यान में यह बात लाई गई है कि कुछ ग्राम
पंचायतों में महिला सरपंच के हस्ताक्षर कर उनके पति बैंक से पंचायत की
राशि निकाल रहे हैं। उन्हें सरपंच की हैसियत से काम करने दिया जा रहा है।


पूरी
तरह लगी है रोक: आयुक्त ने आदेश में यह भी बताया है कि पंचायतों में एक
हजार रुपए से ज्यादा और ग्रामीण विकास योजनाओं में 1500 रुपए से अधिक का
भुगतान बैंक ड्राफ्ट या क्रॉस्ड चेक या खाते से खाते में ट्रांसफर किए जाने
का नियम है। पंचायत के खातों से नकद आहरण या अग्रिम नकद आहरण पर पूरी तरह
रोक है।


पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आधिकारिक सूत्रों का
कहना है कि सरपंच पति और सचिव मिलकर न केवल राशि निकाल रहे हैं, बल्कि
महिला सरपंचों के नमूना हस्ताक्षर भी उनके पतियों ने ही कर रखे हैं। ऐसे
मामलों में बैंक कर्मियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे
मामलों में संबंधित बैंकों के प्रशासन की ओर से अब तक कोई ऐहितयाती कदम
नहीं उठाए गए हैं। हालांकि बैंकों के आला अफसर यह जरूर कह रहे हैं कि ऐसी
कोई शिकायत सामने आएगी तो कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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