22 वैज्ञानिक, 10 करोड़, रिजल्ट 0

रायपुर।
छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (सीकॉस्ट) की केंद्रीय
प्रयोगशाला तीन साल में एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर सकी। 10 करोड़ के
उपकरण और 22 वैज्ञानिकों की मेहनत का कोई नतीजा अब तक सामने नहीं आया है।




प्रयोगशाला की स्थापना वर्ष 2007 में की गई। परिषद में 22 वैज्ञानिकों की
टीम काम कर रही है। प्रयोगशाला में 10 करोड़ से भी ज्यादा के शोध उपकरण
हैं। इनमें 50 लाख कीमत वाले उपकरण भी हैं। ये महीनों से बंद पड़े हुए हैं।
दावा किया जा रहा है कि वैज्ञानिकों व अफसरों के बीच तालमेल ना होने की
वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। प्रदेश के भूजल में आर्सेनिक की मात्रा
की जांच की जिम्मेदारी परिषद को दी गई थी। तीन साल पहले इस पर काम शुरू
हुआ। राजनांदगांव में डायरेक्ट्रेट आफ साइंस काउंसिल दिल्ली ने संयंत्र
लगाया। काम शुरू भी किया गया लेकिन अभी तक इसकी रिपोर्ट नहीं आई है।




परिषद के कार्यकारी निदेशक डॉ. पीके भट्ट का कहना है कि इसमें कम से कम दो
महीने लगेंगे। अन्य प्रोजेक्ट के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि भूजल
मंे ही फ्लोराइड और आयरन पर काम शुरू किया जाना है।




दो कार्यालयों में काम




राजधानी में सीकॉस्ट के दो कार्यालय हैं। शंकर नगर के लोकश प्लाजा में
केंद्रीय प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। इसमें दो स्टोर रूम बनाए गए हैं।
इसमें कुछ उपकरणों को ढक कर रखा गया है तो कुछ खुले पड़े हुए हैं। दूसरा
कार्यालय इंद्रावती कॉलोनी में है। दोनों ही कार्यालयों में अलग-अलग
वैज्ञानिकों की टीम कार्य करती है। प्रयोगशाला में कई ऐसी भी मशीनें व
उपकरण हैं, जिनकी जांच भी अभी तक नहीं की गई है। हर साल कुछ उपकरण मंगाए
जाते हैं लेकिन इनसे कोई काम नहीं किया जाता। एक ही संस्थान के दो जगह
कार्यालय होने से भी कई काम प्रभावित होता है।




नहीं है अपनी वेबसाइट


सीकॉस्ट ने अपना कोई वेबसाइट अभी तक डेवलप नहीं किया है। सूचना के अधिकार
अधिनियम के हिसाब से संस्थानों को अपनी गतिविधियों की जानकारी वेबसाइट के
माध्यम से देना अनिवार्य है। ऐसे में सीकॉस्ट क्या कर रही है, यह राज
फाइलों में कैद होकर रह गया है।




यह बात सही है कि उम्मीद के अनुसार वर्तमान प्रयोगशाला में शोध कार्य नहीं
हो सके हैं। हालांकि कुछ प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। केंद्रीय
प्रयोगशाला का नया भवन बनने के बाद इसमें तेजी आने की संभावना है।


एम. हम्बर्डे, महानिदेशक, सीकॉस्ट




क्या है सीकॉस्ट




केंद्र सरकार ने 1985 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की जानकारी लोगों तक/> जानकारी पहुंचाने के लिए एक बॉडी का गठन किया। इसी के तहत सभी राज्यों में
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों की स्थापना की गई। छत्तीसगढ़ राज्य
निर्माण के बाद मध्यप्रदेश से अलग यहां भी परिषद की स्थापना की गई।
कर्मचारियों का वेतन राज्य और केंद्र सरकार की ओर से क्रमश: 60 और 40 के
अनुपात में दिया जाता है। इस संस्थान का उद्देश्य प्रदेशभर में विज्ञान और
प्रौद्योगिकी का प्रचार-प्रसार करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *