देसी गीजर, न बिजली की जरूरत, न गैस का झंझट

जगराओं।
यदि बिजली नहीं है, गैस सिलेंडर की भी किल्लत है, लेकिन आपको गर्म पानी की
आवश्यकता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब नहाने से लेकर घरेलू
कामकाज के लिए देसी गीजर आ गया है। गीजर को चलाने के लिए ना बिजली की जरूरत
है और ना ही गैस सिलेंडर की। देसी गीजर मात्र एक -दो रुपये में पूरे तीस
लीटर गर्म पानी तैयार कर सकता है, जो दिनभर गर्म रहता है। देसी गीजर की एक
और खासियत है। इसकी कीमत बिजली और गैस गीजर से कही कम है। इस गीजर का
ग्रामीण इलाकों में लगभग 80 फीसदी प्रयोग हो रहा है। पुराने मिट्टी वाले
देसी गीजर में कुछ फेरबदल करके मार्डन लुक दिया गया है। इसे जस्ते की चादर
से तैयार किया गया है।




कैससे काम करता है गीजर


जस्ते की चादर से ड्रमनुमा गीजर तैयार किया जाता है। इसके बीच का हिस्सा
खाली रखा जाता है जिसमें पानी जाला जाता है। जिसके नितचे भाग में जाली लगी
होती है। जिसका प्रयोग आग लगाने के लिए किया जाता है। गीजर में दो पाइप
लगाई गई है। एक पाइप से ठंडा पानी डाला जाता है। पहली पाइप से पानी डालने
पर दूसरे पाइप से गर्म पानी स्वयं ही बाहन निकलने लगता है। इससे हम अपनी
जरूरत के अनुसार गर्म पानी निकाल सकते हैं। इस देशी गीजर की गांवों के
अलावा अब शहरों में डिमांड बढ़ने लगी है। यह गीजर बाजार में मात्र 800 से
1000 रुपये में मिल रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *