नई
दिल्ली।।
पीयूसीएल
नेता और
मानवाधिकार
कार्यकर्ता
डॉ. बिनायक सेन
देशद्रोह के
मामले में
दोषी ठहराए गए
हैं।
शुक्रवार को
रायपुर सेशन
कोर्ट ने
बिनायक सेन को
देश के खिलाफ
युद्ध छेड़ने,
लोगों को
भड़काने और
प्रतिबंधित
माओवादी
संगठन के लिए
काम करने के
आरोप में दोषी
करार दिया है।
इस मामले पर
बिनायक सेन के
वकील ने कहा कि
वह सेशन कोर्ट
के फैसले को
हाई कोर्ट में
चुनौती
देंगे।
गौरतलब
है कि डॉ.
विनायक सेन को
पुलिस ने
छत्तीसगढ़ जन
सुरक्षा
कानून के
अंतर्गत 14 मई 2007
को गिरफ्तार
किया था। उन पर
नक्सलियों के
साथ संबंध
रखने का आरोप
लगा था। हाई
कोर्ट ने डॉ.
सेन को जमानत
देने से इनकार
किया इसके बाद
छत्तीसगढ़
पुलिस ने उनके
खिलाफ चार्ज
शीट दायर की।
दिसंबर 2007 ने
सुप्रीम
कोर्ट ने डॉ.
सेन की जमानत
को निरस्त कर
दिया।
स्वास्थ्यगत
कारणों से मई 2009
में डॉ. सेन को
सुप्रीम
कोर्ट ने
जमानत दी।
गौरतलब है
कि सुप्रीम
कोर्ट ने 7
जनवरी 2011 तक इस
मामले का
फैसला देने की
आखिरी तारीख
निश्चित की
थी।