मुजफ्फरपुर, कासं : पहले छिलका उतारने पर आंसू निकलते थे, अब प्याज के भाव
सुनकर ही आसू निकलने लगे हैं। खुदरा मंडियों में प्याज 33 से 35 रुपये तक
पहुंच गया है। कहीं-कहीं 40 रुपये भी भाव होने की सूचना है। प्याज का
सहयोगी लहसुन भी अपनी धौंस दिखाने में पीछे नहीं। इसकी कीमत लंबे समय से
150 रुपये से उपर बनी हुई है। अच्छी क्वालिटी का देसी लहसुन 180 रुपये किलो
तक मिल रहा है। इससे जाड़े के दिनों में रोजाना लहसुन की चटनी के शौकीनों
की जेब ढीली हो ही है। इधर प्याज के भाव में तेजी का आलम यह है कि प्याजी
और प्याज की पकौड़ियां दूर की कौड़ी होती जा रही हैं। प्याज में महंगाई का
दौर हाल के दिनों में दोबारा शुरू हुआ है। कुछ दिन पहले भाव चढ़ने पर कहा
जा रहा था कि महाराष्ट्र से आवक कम है। अब राजस्थान और महाराष्ट्र में
बारिश का असर बताया जा रहा है बाजार से जुड़े लोगों के मुताबिक दाम चढ़ने से
हाल के दिनों में इसकी बिक्री भी घटी है। गृहिणियां अब प्याज का कम से कम
इस्तेमाल करके भी रसोई का काम निबटा रही हैं। राहत की बात यह कि गोजा प्याज
की अगेती वेरायटी बाजार में दस्तक दे चुकी है। इससे थोड़ी राहत है।
सुनकर ही आसू निकलने लगे हैं। खुदरा मंडियों में प्याज 33 से 35 रुपये तक
पहुंच गया है। कहीं-कहीं 40 रुपये भी भाव होने की सूचना है। प्याज का
सहयोगी लहसुन भी अपनी धौंस दिखाने में पीछे नहीं। इसकी कीमत लंबे समय से
150 रुपये से उपर बनी हुई है। अच्छी क्वालिटी का देसी लहसुन 180 रुपये किलो
तक मिल रहा है। इससे जाड़े के दिनों में रोजाना लहसुन की चटनी के शौकीनों
की जेब ढीली हो ही है। इधर प्याज के भाव में तेजी का आलम यह है कि प्याजी
और प्याज की पकौड़ियां दूर की कौड़ी होती जा रही हैं। प्याज में महंगाई का
दौर हाल के दिनों में दोबारा शुरू हुआ है। कुछ दिन पहले भाव चढ़ने पर कहा
जा रहा था कि महाराष्ट्र से आवक कम है। अब राजस्थान और महाराष्ट्र में
बारिश का असर बताया जा रहा है बाजार से जुड़े लोगों के मुताबिक दाम चढ़ने से
हाल के दिनों में इसकी बिक्री भी घटी है। गृहिणियां अब प्याज का कम से कम
इस्तेमाल करके भी रसोई का काम निबटा रही हैं। राहत की बात यह कि गोजा प्याज
की अगेती वेरायटी बाजार में दस्तक दे चुकी है। इससे थोड़ी राहत है।