जयपुर.
राजस्थान हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार को 10 जनवरी तक यह बताने के लिए कहा
है कि वह शिक्षा का अधिकार कानून के पालन के लिए क्या कर रही है।
न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने यह अंतरिम आदेश गुरुवार को पुलकित सिंह व अन्य
की याचिका पर दिया। न्यायाधीश ने केन्द्रीय विद्यालय संख्या पांच को
निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता बच्चों पुलकित सिंह व हेमशिखा चौधरी को
अस्थायी रूप से प्रथम कक्षा में बैठने दें, लेकिन इसे प्रवेश नहीं माना
जाए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस दौरान यदि याचिका स्वीकार होती है तो बच्चों की
पढ़ाई प्रभावित न हो।
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने केन्द्र सरकार के सहायक सॉलीसीटर
जनरल सत्येन्द्र सिंह राघव से पूछा कि अनिवार्य शिक्षा का कानून मौलिक
अधिकार है, लेकिन केन्द्र सरकार उसे प्रभावी तरीके से लागू नहीं कर पा रही
है। उन्होंने जवाब के लिए समय मांगा जिस पर न्यायाधीश ने उन्हें दस जनवरी
तक का समय देते हुए कहा कि यदि जवाब पेश नहीं किया तो अदालत आगामी सुनवाई
पर केन्द्र के प्रारंभिक शिक्षा सचिव या संयुक्त सचिव को अदालत में बुला
सकती है।
राजस्थान हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार को 10 जनवरी तक यह बताने के लिए कहा
है कि वह शिक्षा का अधिकार कानून के पालन के लिए क्या कर रही है।
न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने यह अंतरिम आदेश गुरुवार को पुलकित सिंह व अन्य
की याचिका पर दिया। न्यायाधीश ने केन्द्रीय विद्यालय संख्या पांच को
निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता बच्चों पुलकित सिंह व हेमशिखा चौधरी को
अस्थायी रूप से प्रथम कक्षा में बैठने दें, लेकिन इसे प्रवेश नहीं माना
जाए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस दौरान यदि याचिका स्वीकार होती है तो बच्चों की
पढ़ाई प्रभावित न हो।
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने केन्द्र सरकार के सहायक सॉलीसीटर
जनरल सत्येन्द्र सिंह राघव से पूछा कि अनिवार्य शिक्षा का कानून मौलिक
अधिकार है, लेकिन केन्द्र सरकार उसे प्रभावी तरीके से लागू नहीं कर पा रही
है। उन्होंने जवाब के लिए समय मांगा जिस पर न्यायाधीश ने उन्हें दस जनवरी
तक का समय देते हुए कहा कि यदि जवाब पेश नहीं किया तो अदालत आगामी सुनवाई
पर केन्द्र के प्रारंभिक शिक्षा सचिव या संयुक्त सचिव को अदालत में बुला
सकती है।