मनरेगा व बिहार में नीतीश सरकार के आ जाने के बाद जिस तरीके से मेहनत
मजदूरी करने आए लोगों की घर वापसी हो रही है, उससे पंजाब में आई मजदूरों की
कमी के चलते, अब मजदूरों के लिए हत्या तक होने लगी है।
कुछ ऐसा ही मामला जिला गुरदासपुर के सीमावर्ती गांव पड्डा में सामने
आया, जहां एक मजदूर पर अपना-अपना मालिकाना हक जताने के लिए हुई जंग में एक
व्यक्ति की मौत हो गई। मरने वाले व्यक्ति की पहचान बचन सिंह के रूप में हुई
है।
हुआ यूं कि एक बाहरी राज्य का मजदूर, जिसका नाम ‘दिल’ बताया जा रहा है
और जो मूक-बधिर है, बचन सिंह के घर पर छह सालों से काम कर रहा था। बचन सिंह
अपने परिवार के साथ किसी रिश्तेदार के यहां शादी में शरीक होने गया हुआ
था। गत रविवार की रात जब वह वापस लौटा तो उसका नौकर ‘दिल’ गायब मिला। जब
उसकी तलाश की गई तो पता चला कि बचन सिंह की गैरमौजूदगी में पड़ोसी सुखविंदर
सिंह और हरभजन सिंह ‘दिल’ को जबरदस्ती उठा ले गए और रातोंरात उसे टांडा
स्थित अपने रिश्तेदारों के यहां भेज दिया।
जानकारी के अनुसार, जब बचन सिंह एवं उसके परिजनों ने सुखविंदर सिंह और
हरभजन सिंह से पूछताछ करनी चाही तो दोनों परिवार आपस में ही उलझ गए और
देखते ही देखते तेजधार हथियार निकल आए। ‘दिल’ का मामला खून-खराबे तक जा
पहुंचा। इस खूनी खेल में बचन सिंह बुरी तरह से घायल हो गए। जब उसे
घायलावस्था में घर लाया गया तो उसने जख्मों की ताव न सहते हुए दम तोड़ दिया।
पुलिस ने भी उसके पुत्र रणजीत सिंह और चाचा गुरनाम सिंह के बयान पर सुखविंदर व हरभजन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।