पटना, जागरण ब्यूरो : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार, यानी
छुंट्टी के दिन आला पुलिस अफसरों के साथ विधि-व्यवस्था और पुलिस में उपलब्ध
रिक्तियों को तीव्र गति से भरने के मुद्दे पर ढाई घंटे की मैराथन बैठक की।
इस क्रम में उन्होंने पुलिस महकमे को नये वर्ष के लिए एक महत्वपूर्ण टास्क
यह दिया कि सभी जिलों में प्राथमिकता के आधार पर एक-एक महिला थाना खोले
जायें।
मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी, गृह सचिव
अमीर सुबहानी, डीजीपी नीलमणि व एडीजी पीके ठाकुर को यह निर्देश दिया कि
नये साल में शेष बच गए तीस जिलों में भी एसी-एसटी थाने खुल जायें।
विधि-व्यवस्था नियंत्रण के मसले पर बैठक में विशेष चर्चा हुई। इस दौरान
एडीजी विधि-व्यवस्था पीएन राय भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कम्युनिटी
पुलिसिंग को अपनाये जाने पर अधिक जोर दिया। इस क्रम में स्थानीय पुलिस
स्थानीय स्तर पर समिति का गठन कर देती है और फिर समिति और पुलिस दोनों
मिलकर अपराध नियंत्रण के काम में लगेंगे। कुछ जगहों पर यह व्यवस्था कारगर
तरीके से काम भी कर रही है। गश्त स्थानीय समिति के परामर्श पर भी चले।
ट्रैफिक के बढ़ते दबाव को ध्यान में रख यह तय हुआ कि ट्रैफिक पुलिस के
जवानों को आधुनिक तरीके से प्रशिक्षण दिलाया जाये।
पुलिस अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस में रिक्त पदों को
भरे जाने के मसले पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘हर हाल में हमें
इस क्षेत्र में राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंचना है।’ इस क्रम में
मुख्यमंत्री ने अफसरों से दरोगा व सिपाहियों की रिक्तियों का जायजा लिया।
उन्हें बताया गया कि दरोगा, साजर्ेंट मेजर और कंपनी कमांडर की अभी लगभग 600
रिक्तियां हैं। अकेले सीधी नियुक्ति के तहत 300 दरोगा की बहाली होनी है।
इसी तरह सिपाही की अभी 5000 रिक्ति है। इन सब रिक्तियों के लिए जल्द ही अवर
सेवा चयन पर्षद व संबंधित भर्ती बोर्ड को लिखा जायेगा। नियुक्ति प्रक्रिया
को चरणबद्ध तरीके से अंजाम दिया जायेगा।
बैठक में रेल अपराध, स्पीडी ट्रायल व आसूचना संग्रह पर भी चर्चा हुई।
वहीं दियारा क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं के नियंत्रण के संबंध में
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जो पांच रिवर पुलिस स्टेशन स्वीकृत हैं
उन्हें तत्काल शुरू किया जाये। दियारा क्षेत्र में विधि-व्यवस्था नियंत्रण
के काम में घुड़सवार दस्ते को लगाये जाने का निर्देश दिया गया। बैठक में
एडीजी सीआईडी, राजवर्द्धन शर्मा, एडीजी प्रशिक्षण, अभयानंद, एडीजी रेल,
शफी आलम, एडीजी, पुलिस भवन निर्माण निगम के एमडी व निदेशक पुलिस पुलिस
अकादमी, विशेष शाखा एएस निंब्रान व आईजी अभियान के एस द्विवेदी भी मौजूद
थे।